UP में 8 से 11 नवंबर तक बंद रहेगी रजिस्ट्री: सर्वर अपग्रेड के लिए आदेश जारी
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UP registry shutdown update
यूपी में 8 से 11 नवंबर तक रजिस्ट्री और बैनामा पूरी तरह बंद.
सर्वर अपग्रेड और क्लाउड स्थानांतरण के कारण सिस्टम ठप रहेगा.
12 नवंबर से तेज और सुगम रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू होगी.
Noida / अगर आप आने वाले दिनों में घर, मकान, फ्लैट या जमीन खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए यह जानकारी बेहद महत्वपूर्ण है। उत्तर प्रदेश में जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया चार दिनों के लिए पूरी तरह रोक दी जाएगी। यह रोक 8 नवंबर से 11 नवंबर 2025 तक लागू रहेगी। इस अवधि में कोई भी व्यक्ति रजिस्ट्री, बैनामा या दस्तावेज पंजीकरण नहीं करा सकेगा। उत्तर प्रदेश महानिरीक्षक निबंधन नेहा शर्मा की ओर से सभी सहायक महानिरीक्षकों को इसके लिए आधिकारिक आदेश जारी कर दिया गया है।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा है? इसके पीछे एक बड़ा तकनीकी कारण है। स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के ऑनलाइन पोर्टल को और बेहतर बनाने तथा उसकी दक्षता बढ़ाने के लिए सरकार सर्वर अपग्रेड का काम करने जा रही है। मौजूदा मेघराज क्लाउड सर्वर, जिसे एनआईसी संचालित करती है, उसे नेशनल गवर्नमेंट क्लाउड (NGC) पर स्थानांतरित किया जाएगा। यह प्रक्रिया काफी संवेदनशील और तकनीकी है, जिसके लिए कुछ समय तक सिस्टम को पूरी तरह बंद रखना आवश्यक है।
इस अपग्रेड के चलते ऑनलाइन रजिस्ट्री एवं अन्य संबंधित सेवाएं चार दिनों तक ठप रहेंगी। उप-निबंधक कार्यालयों में भी रजिस्ट्री का काम इन दिनों में बिल्कुल नहीं किया जाएगा। हालांकि, 8 और 9 नवंबर को वैसे भी सरकारी छुट्टी है—8 नवंबर दूसरा शनिवार और 9 नवंबर रविवार होने की वजह से दो दिन स्वाभाविक रूप से छुट्टी रहती है। इसलिए वास्तविक असुविधा केवल दो दिनों तक ही रहेगी, यानी 10 और 11 नवंबर को।
अधिकारियों का कहना है कि यह जरूरी अपग्रेड काम पूरा होने के बाद लोगों को अधिक तेज, सुरक्षित और सुगम रजिस्ट्री सेवा मिलेगी। 12 नवंबर से सभी काम पहले की तरह शुरू हो जाएंगे और उम्मीद है कि रजिस्ट्री प्रक्रिया इससे पहले की तुलना में अधिक बेहतर तरीके से काम करेगी। सिस्टम के अपग्रेड होने के बाद पोर्टल की स्पीड, सुरक्षा और डेटा प्रबंधन में सुधार देखने को मिलेगा।
सरकार का यह कदम डिजिटल इंडिया के तहत सेवाओं को अधिक सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। हालांकि कुछ दिनों की असुविधा जरूर होगी, लेकिन लंबी अवधि के लाभ को देखते हुए यह फैसला उपयोगी साबित हो सकता है।