दिल्ली में बढ़ता वायु प्रदूषण: AQI बेहद खराब, लोगों की सेहत पर बढ़ा खतरा

Tue 04-Nov-2025,11:32 AM IST +05:30

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दिल्ली में बढ़ता वायु प्रदूषण: AQI बेहद खराब, लोगों की सेहत पर बढ़ा खतरा Delhi air pollution update
  • दिल्ली में AQI 'खराब' से 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंचा.

  • धुंध की चादर और बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं से लोग परेशान. 

  • प्रदूषण रोकने के लिए एंटी-स्मॉग गन और पानी का छिड़काव जारी.

Delhi / Delhi :

Delhi / दिल्ली एक बार फिर उसी दौर से गुजर रही है, जब हर सांस बोझ लगने लगती है। हवा में मौजूद जहरीले कण इतने बढ़ गए हैं कि लोग सुबह की ताजगी की जगह धुंध की मोटी परत महसूस कर रहे हैं। दिवाली के बाद से शहर की फिज़ा में जो कड़वाहट घुली है, वह अब धीरे-धीरे और तेज़ होती जा रही है। कई इलाकों में नज़र तक साफ नहीं पड़ रही, सड़कें धुंध में लिपटी दिख रही हैं और लोग खुले में निकलने से पहले कई बार सोचने को मजबूर हैं।

दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। वायु गुणवत्ता सूचकांक कई स्थानों पर ‘खराब’, ‘बेहद खराब’ और कुछ जगहों पर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच चुका है। हवा में जहरीले तत्वों की मात्रा बढ़ने से आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण तेजी से सामने आ रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है। मंगलवार को AQI के ‘गंभीर’ स्तर में पहुंचने की संभावना जताई गई है, जिससे लोगों की चिंताएं और बढ़ गई हैं।

अक्षरधाम क्षेत्र के आसपास घना धुंध छाया हुआ है और वहां का AQI 392 दर्ज किया गया है, जो कि ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है। ITO का हाल भी बेहतर नहीं है, जहां AQI 347 तक पहुंच चुका है। आनंद विहार की हवा सबसे ज्यादा दमघोंटू साबित हो रही है, जहां AQI 392 है। AIIMS क्षेत्र में 297 और कर्तव्य पथ पर 278 के आसपास AQI दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में है। वहीं लोधी रोड-तिलक मार्ग जैसे अपेक्षाकृत बेहतर इलाकों में भी AQI 153 तक पहुंच चुका है, जिसे ‘मध्यम’ माना जाता है, लेकिन यह भी स्वस्थ हवा का स्तर नहीं है।

प्रदूषण से निपटने के लिए विभिन्न एजेंसियां सक्रिय हैं। कई स्थानों पर एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल हो रहा है और हवा में फैली धूल-कणों को कम करने के लिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है। दिल्ली सरकार और केंद्र की एजेंसियां लगातार हालात पर नजर रखे हुए हैं। GRAP के तहत अतिरिक्त पाबंदियां लागू होने की भी संभावना है, ताकि प्रदूषण को काबू में लाया जा सके।

इन हालातों में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने साफ सलाह दी है कि लोग बिना ज़रूरत घर से बाहर न निकलें। बच्चों, बुजुर्गों और उन लोगों के लिए, जिन्हें पहले से सांस की समस्या है, यह हालात और ज्यादा खतरे वाले साबित हो सकते हैं। ऐसे लोगों को खास ध्यान रखने की जरूरत है। बाहर निकलते समय मास्क पहनना, वाहनों का कम इस्तेमाल करना और यथासंभव सार्वजनिक परिवहन या कारपूल को प्राथमिकता देना जरूरी हो गया है।

दिल्ली के लोगों के लिए यह समय मुश्किल है, लेकिन सावधानी बरतकर इस चुनौती का सामना किया जा सकता है। जब हवा खुद बीमार हो जाए, तो उसके असर से बचने के लिए सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार बन जाती है। हवा के साफ होने का इंतजार सभी को है, लेकिन तब तक हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी खुद निभानी होगी, ताकि इस शहर की सांसें कुछ हल्की हो सकें।