मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना: बिहार की 1.5 करोड़ महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण, 10,000 की DBT और 2 लाख तक सहायता
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Mukhyamantri Mahila Rozgar Yojana Bihar
महिला रोजगार योजना से 1.5 करोड़ महिलाओं को 10,000 रुपये की डीबीटी सहायता.
व्यवसाय शुरू करने पर 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त आर्थिक मदद.
SHG से जुड़कर ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाएँ लाभ ले सकती हैं.
Bihar / नीतीश कुमार सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना बिहार में महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में अब तक की सबसे प्रभावी और व्यापक पहल मानी जा रही है। इस योजना की शुरुआत 29 अगस्त 2025 को की गई थी, और तब से लाखों महिलाएँ इससे लाभान्वित हो चुकी हैं। इसका मुख्य उद्देश्य है—हर परिवार की एक महिला को वित्तीय सहायता देकर ऐसा अवसर देना, जिससे वह अपनी पसंद का छोटा व्यवसाय शुरू कर सके और आत्मनिर्भर बन सके। यह न केवल महिलाओं की आय बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि परिवार की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करेगा।
योजना के पहले चरण में सरकार द्वारा सभी पात्र महिलाओं को उनके बैंक खातों में सीधे डीबीटी के माध्यम से 10,000 रुपये भेजे जा रहे हैं। यह राशि उनकी शुरुआत को आसान बनाने के लिए है। इसके अलावा, यदि कोई महिला इस राशि से अपना रोजगार शुरू करती है और उसे आगे बढ़ाती है, तो सरकार द्वारा आकलन के बाद 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। यह सहायता उन महिलाओं के लिए बहुत बड़ी मदद साबित होगी जो अपने छोटे व्यवसाय को आगे बढ़ाना चाहती हैं।
अब तक इस योजना के अंतर्गत लगभग 1 करोड़ 50 लाख महिलाओं के खातों में 10 हजार रुपये की राशि भेजी जा चुकी है। सरकार ने दिसंबर 2025 तक शेष पात्र महिलाओं को राशि हस्तांतरित करने का कैलेंडर भी जारी कर दिया है। खास बात यह है कि इस योजना में आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं है। जब तक राज्य की सभी पात्र महिलाएँ योजना से लाभान्वित नहीं हो जातीं, तब तक यह योजना जारी रहेगी। अगर कोई महिला पहली सूची में छूट जाती है, तो वह बाद में भी आवेदन कर सकती है।
महिलाओं को किसी एक तरह के व्यवसाय तक सीमित नहीं किया गया है। वे अपनी रुचि के आधार पर किराना दुकान, फल-सब्ज़ी की दुकान, बर्तन या सौंदर्य प्रसाधन स्टोर, खिलौना दुकान, स्टेशनरी, मोबाइल रिचार्ज सेंटर, फोटोकॉपी सेंटर जैसे कार्य शुरू कर सकती हैं। इसके अलावा ब्यूटी पार्लर, सिलाई-कढ़ाई, कृषि, गौपालन, मुर्गीपालन जैसे रोजगार भी इस योजना के अंतर्गत स्वीकार्य हैं। योजना का लाभ प्रत्येक परिवार की केवल एक महिला को दिया जाएगा।
पात्रता के अनुसार, आवेदिका की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। साथ ही वे स्वयं या उनके पति आयकर दाता नहीं होने चाहिए और न ही वे सरकारी नौकरी (नियमित/संविदा) में हों। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएँ जो पहले से जीविका SHG से जुड़ी हैं, वे अपने ग्राम संगठन (VO) में आवेदन दे सकती हैं। वहीं, शहरी क्षेत्रों में जो महिलाएँ SHG से नहीं जुड़ीं, वे www.brips.in पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। सभी ऑनलाइन आवेदन की जांच कर महिलाओं को SHG से जोड़ा जाएगा और उसके बाद राशि हस्तांतरित की जाएगी।
सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि योजना के अंतर्गत चुने गए व्यवसाय की ट्रेनिंग महिलाओं को निःशुल्क दी जाए। ताकि वे अपने काम को बेहतर तरीके से संचालित कर सकें। इसके साथ ही किसी भी तरह की धोखाधड़ी या लाभ दिलाने के नाम पर पैसे की मांग पर सरकार ने शिकायत की व्यवस्था भी की है। ग्रामीण महिलाएँ BDO, DDC, DM या जीविका के कार्यालय में शिकायत दर्ज करा सकती हैं, जबकि शहर की महिलाएँ अपने नगर निकाय में शिकायत दे सकती हैं।
यह योजना न केवल आर्थिक सहायता है, बल्कि महिलाओं को आत्मसम्मान, आत्मविश्वास और स्वतंत्रता की राह पर आगे बढ़ाने का बड़ा कदम है।