चित्तूर मेयर अनुराधा और पति की हत्या मामले में पांच दोषियों को फांसी की सजा: आंध्र प्रदेश सत्र अदालत का बड़ा फैसला

Fri 31-Oct-2025,01:50 PM IST +05:30

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चित्तूर मेयर अनुराधा और पति की हत्या मामले में पांच दोषियों को फांसी की सजा: आंध्र प्रदेश सत्र अदालत का बड़ा फैसला Chittoor mayor murder case
  • चित्तूर मेयर अनुराधा हत्याकांड में पांच दोषियों को फांसी.

  • अदालत ने मामले को ‘दुर्लभतम’ श्रेणी बताया.

  • 122 गवाहों की गवाही के बाद फैसला सुनाया गया.

Andhra Pradesh / Tirupati :

Andhra Pradesh / आंध्र प्रदेश की सत्र अदालत ने शुक्रवार (31 अक्टूबर 2025) को चित्तूर की तत्कालीन मेयर कटारी अनुराधा और उनके पति कटारी मोहन की हत्या के मामले में बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने इस बहुचर्चित हत्याकांड में शामिल 5 आरोपियों—चंद्रशेखर, जीएस वेंकटचलपति, जयप्रकाश रेड्डी, मंजूनाथ और वेंकटेश—को फांसी की सजा सुनाई है। जज एन श्रीनिवास राव ने IPC की धारा 302 के तहत सजा सुनाते हुए इस अपराध को ‘दुर्लभतम’ (Rarest of Rare) श्रेणी का बताया।

यह हत्याकांड नवंबर 2015 में चित्तूर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफिस के अंदर हुआ था, जिसने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया था। जांच के अनुसार मुख्य आरोपी चंद्रशेखर बुर्का पहनकर ऑफिस में घुसा था। हमलावरों ने पहले चाकू और खंजर से दंपति पर हमला किया और बाद में कटारी अनुराधा को गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने उस समय बताया था कि यह हमला आपसी पारिवारिक विवाद का नतीजा था।

फैसले के दिन सुरक्षा बेहद कड़ी रखी गई थी। पुलिस ने कोर्ट परिसर में आम जनता के प्रवेश पर रोक लगा दी थी और सिर्फ कोर्ट स्टाफ को ही अंदर जाने दिया गया। किसी भी तरह की रैली, सार्वजनिक सभा या प्रदर्शन पर भी रोक थी ताकि माहौल नियंत्रण में रहे।

इस केस में शुरुआत में 28 लोगों पर चार्ज लगाया गया था। लेकिन जैसे-जैसे सुनवाई आगे बढ़ी, दो आरोपियों को सूची से बाहर कर दिया गया—

  • कासाराम रमेश, जिसने कोर्ट में साबित किया कि वह घटना में शामिल नहीं था।

  • एस श्रीनिवासचारी, जिसकी ट्रायल के दौरान मौत हो गई।

इसके बाद आरोपियों की संख्या घटकर 21 हो गई। मामले की सुनवाई में कुल 122 गवाहों के बयान दर्ज किए गए, जिसके बाद लंबी प्रक्रिया और विस्तृत सबूतों की जांच के आधार पर, 24 अक्टूबर 2025 को अदालत ने पांच आरोपियों को दोषी करार दिया, जबकि बाकियों को बरी कर दिया।

इस फैसले के साथ एक दशक पुराने इस मामले में न्याय की प्रक्रिया पूरी हुई, जिसे चित्तूर के सबसे सनसनीखेज हत्याकांडों में से एक माना जाता है।