स्थानीय लोगों के अनुसार, आग तीसरी मंजिल से उठती दिखाई दी और देखते ही देखते नीचे के हिस्सों में फैल गई। पड़ोस में रहने वाले छोटे लाल गुप्ता ने बताया कि आग संभवतः शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी। उनका कहना था कि घर के ज्यादातर सदस्य गहरी नींद में थे, और जब धुआँ भर गया तब किसी को भी संभलने का समय नहीं मिल पाया। उन्होंने बताया कि जो लोग दूसरे कमरे में सो रहे थे, वे झुलस गए और उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। चार घायलों को मुजफ्फरपुर ले जाया गया है, लेकिन दुखद पहलू यह है कि इस हादसे में पांच लोगों की मौत हो चुकी है।
पुलिस अधिकारी सुचित्रा कुमारी ने बताया कि आग मकान की तीसरी मंजिल से लगी थी और फिलहाल मामले की जांच जारी है। शुरुआती जांच में सिलेंडर ब्लास्ट की आशंका को खारिज कर दिया गया है, क्योंकि मौके पर ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जो गैस सिलेंडर विस्फोट की ओर इशारा करे। इसी तरह मोतीपुर नगर परिषद के सभापति ने भी संकेत दिया कि संभवतः शॉर्ट सर्किट ही आग लगने का कारण हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि FSL टीम मौके पर जांच कर रही है, ताकि आग की असली वजह का पता लगाया जा सके।
रात के सन्नाटे में उठी ये लपटें सिर्फ ईंट-पत्थर नहीं, बल्कि एक परिवार के सपने, रिश्ते और यादें भी जलाकर ले गईं। आग पर काबू पाने की कोशिश में स्थानीय लोगों ने अपनी ओर से हर संभव प्रयास किया, लेकिन आग इतनी भीषण थी कि कुछ किया नहीं जा सका। इस हादसे ने मोहल्ले के लोगों को हिलाकर रख दिया है। हर किसी की आँखों में डर, दर्द और अफसोस साफ झलक रहा है।
मृतकों के घरों में मातम का माहौल है। रोते-बिलखते परिजन खुद को संभाल नहीं पा रहे हैं। जिन चार लोगों को अस्पताल भेजा गया है, उनकी स्थिति भी गंभीर बताई जा रही है और डॉक्टर लगातार उनकी देखभाल कर रहे हैं। प्रशासन की टीमें मौके पर मौजूद हैं और आगे की कार्यवाही की जा रही है।
यह घटना एक बार फिर इस बात की याद दिलाती है कि इलेक्ट्रिक सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है। बिजली की छोटी सी चिंगारी बड़े हादसे में बदल सकती है। लोगों का कहना है कि अगर आग का पता थोड़ा पहले चल जाता, तो शायद किसी की जान बचाई जा सकती थी। लेकिन रात के समय ऐसी घटनाएं और भी खतरनाक हो जाती हैं।
मुजफ्फरपुर की यह त्रासदी पूरे क्षेत्र के लिए एक दर्दनाक सबक बन गई है। अब हर कोई यही दुआ कर रहा है कि घायल लोग सुरक्षित रहें और इस तरह की घटना फिर कभी किसी के साथ न हो।