उत्तर और दक्षिण भारत में मौसम अलर्ट: शीतलहर, भारी बारिश और तूफान की चेतावनी
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North India Cold Wave Alert
उत्तर भारत में शीतलहर और तापमान में गिरावट.
तमिलनाडु, केरल में भारी बारिश और तूफान का अलर्ट.
राजस्थान, एमपी, झारखंड में येलो अलर्ट जारी.
Ranchi / उत्तर भारत में मौसम का मिज़ाज अचानक बदलने लगा है। कई राज्यों में सर्द हवाओं की दस्तक महसूस की जा रही है और तापमान में गिरावट साफ नज़र आ रही है। मौसम विभाग ने रविवार को ताज़ा चेतावनी जारी करते हुए कहा कि 10 से 12 नवंबर के बीच उत्तर और मध्य भारत के कई हिस्सों में शीतलहर चल सकती है। वहीं दक्षिण भारत में तेज बारिश, आंधी और तूफान का खतरा बढ़ गया है। इस वजह से आईएमडी ने कई राज्यों के लिए अलर्ट जारी किया है ताकि लोग सतर्क रहें और नुकसान से बच सकें।
मौसम विभाग के मुताबिक, अगले तीन दिनों तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड के कई शहर शीतलहर की चपेट में रहेंगे। इन इलाकों में रात के समय तापमान सामान्य से 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक नीचे जा सकता है। यह गिरावट बताती है कि इस बार ठंड कुछ जल्दी दस्तक दे रही है। वहीं हरियाणा, उत्तर-पश्चिम भारत और उत्तरी मध्य महाराष्ट्र में भी रातें ठंडी होने वाली हैं, और यह रुझान अगले चार से पांच दिनों तक जारी रह सकता है।
आईएमडी ने खास तौर पर राजस्थान के सीकर और टोंक जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के रीवा, राजगढ़, शाजापुर, सीहोर, इंदौर और देवास में भी लोगों को शीतलहर के प्रभाव से बचने की सलाह दी गई है। झारखंड के छह जिलों में भी 10 से 12 नवंबर के बीच शीतलहर के आसार हैं।
मौसम में इस बदलाव की वजह दक्षिण-पश्चिमी मानसून की वापसी मानी जा रही है। मानसून के हटने के बाद आसमान साफ हो जाता है, जिससे दिन और रात के तापमान में बड़ा फर्क देखने को मिलता है। साथ ही इस दौरान हवा भी शुष्क हो जाती है, और यही कारण है कि उत्तर भारत में ठंड तेजी से महसूस होने लगी है। इस मौसमीय बदलाव के बावजूद उत्तर भारत में बड़े पैमाने पर बारिश का कोई अनुमान नहीं है।
इसके उलट दक्षिण भारत का मौसम पूरी तरह अलग तस्वीर दिखा रहा है। तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में तेज बारिश और तूफान का खतरा बढ़ रहा है। आईएमडी ने चेतावनी दी है कि 12 और 13 नवंबर के दौरान तमिलनाडु व पुडुचेरी में भारी बारिश हो सकती है, जबकि 10 नवंबर को केरल और माहे क्षेत्र में भी तूफानी बारिश की संभावना है।
दक्षिण भारत में यह बदलाव उत्तर-पूर्वी मानसून की सक्रियता के कारण हो रहा है। इस दौरान समुद्र से नमी से भरपूर पूर्वी हवाएं प्रायद्वीपीय भारत की ओर बढ़ती हैं, जिससे तमिलनाडु और केरल जैसे तटीय राज्यों में भारी वर्षा होती है। इस तरह की स्थितियां अक्सर समुद्री व्यवधान और स्थानीय हवाओं के टकराव से भी पैदा होती हैं, जिससे तेज हवाएं, आंधी और बिजली गिरने जैसी घटनाएं भी देखने को मिलती हैं।
नवंबर का महीना आमतौर पर मौसम के बदलाव का महीना माना जाता है। उत्तर भारत में गर्मी पूरी तरह खत्म होती है और सर्दियों की शुरुआत होती है, जबकि दक्षिण भारत में इसी समय उत्तर-पूर्वी मानसून पूरे जोर पर रहता है। इस वजह से दोनों क्षेत्रों में मौसम का स्वरूप अलग-अलग दिखाई देता है।
आईएमडी की चेतावनी के बाद राज्यों की स्थानीय प्रशासनिक टीमें भी सक्रिय हो गई हैं। जहां उत्तर भारत में लोगों को रात में बाहर निकलते समय गर्म कपड़े पहनने और सुबह की ठंडी हवा से बचने की सलाह दी जा रही है, वहीं दक्षिण भारत में भारी बारिश और आंधी के मद्देनज़र सतर्क रहने और बिना ज़रूरत घर से बाहर न निकलने की अपील की जा रही है।
मौसम का यह दोहरा रूप बताता है कि जलवायु में बदलाव के कारण कई इलाकों में मौसमी स्थितियां पहले की तुलना में अधिक तेजी से बदल रही हैं। आने वाले दिनों में तापमान और मौसम के अन्य पैटर्न कैसे बदलेंगे, यह काफी हद तक हवाओं की दिशा और मानसूनी प्रवाह पर निर्भर करेगा। फिलहाल लोगों के लिए जरूरी है कि वे मौसम विभाग की जारी चेतावनियों का पालन करें और सुरक्षित रहें।