बांदा में ओवरलोड ट्रकों पर बड़ी कार्रवाई: 17 ट्रक जब्त, 42 लाख का राजस्व वसूला जाएगा
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Banda Overload Truck Action
बांदा में ओवरलोड ट्रकों के खिलाफ प्रशासन की सख्त कार्रवाई.
17 ट्रक जब्त, 42 लाख रुपये का राजस्व अनुमानित.
मौरंग कारोबारियों में हड़कंप, सघन जांच अभियान जारी.
Banda / बांदा जिले में ओवरलोड वाहनों पर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर मंगलवार की रात खनिज विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ओवरलोड ट्रकों की जांच की। इस अभियान के दौरान अलग-अलग स्थानों से करीब 17 ट्रकों का चालान किया गया और सभी को संबंधित थानों में खड़ा कराया गया। यह कार्रवाई देर रात तक जारी रही, जिससे पूरे जिले में खलबली मच गई।
पिछले कुछ समय से बांदा जनपद में ओवरलोडिंग का धंधा तेजी से बढ़ा है। खासतौर पर रात के समय बालू कारोबारी ओवरलोड ट्रकों के जरिए बालू की अवैध निकासी करते हैं। बताया जा रहा है कि रात नौ बजे के बाद यह कारोबारी सक्रिय हो जाते हैं। ओवरलोड ट्रकों के आगे-पीछे लोकेशनबाज चार पहिया वाहनों में चलते हैं ताकि किसी भी चेकिंग या कार्रवाई से पहले जानकारी मिल सके। यही कारण है कि अब प्रशासन ने इन गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए सघन निगरानी और छापेमारी शुरू कर दी है।
मंगलवार की रात हुई कार्रवाई में एसडीएम सदर नमन मेहता, सीओ सदर, और खनिज विभाग के अधिकारी खुद मौके पर मौजूद रहे। टीम ने देर रात हाईवे पर ओवरलोड ट्रकों की चेकिंग की। इस दौरान चिल्ला थाना क्षेत्र में चार, नगर कोतवाली क्षेत्र के कालूकुआं मंडी में चार, मेडिकल कॉलेज के पास एक और मटौंध थाना क्षेत्र में आठ ओवरलोड ट्रकों को पकड़कर थानों में खड़ा कराया गया। इन ट्रकों के चालक न तो वैध रसीदें दिखा सके और न ही किसी प्रकार के परिवहन दस्तावेज प्रस्तुत कर पाए।
जांच में यह भी सामने आया कि ज्यादातर ट्रक मध्य प्रदेश से मौरंग (रेत) लेकर आ रहे थे और बिना किसी भय के धड़ल्ले से ओवरलोडिंग कर रहे थे। इन पर कार्रवाई होने के बाद कारोबारियों में अफरा-तफरी मच गई। खनिज अधिकारी राज रंजन ने बताया कि इस कार्रवाई से लगभग 42 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त होने की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि ओवरलोडिंग पर लगातार सख्त कार्रवाई की जा रही है और आने वाले दिनों में इस तरह के छापे और भी बढ़ाए जाएंगे।
प्रशासन का कहना है कि ओवरलोड ट्रक न केवल सरकार को राजस्व नुकसान पहुंचा रहे हैं बल्कि सड़कों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। भारी लोड के कारण सड़कें जल्दी खराब होती हैं, जिससे आम जनता की सुरक्षा पर भी खतरा मंडराता है। यही वजह है कि अब जिले में ओवरलोडिंग के खिलाफ “ज़ीरो टॉलरेंस” नीति अपनाई गई है।
डीएम के निर्देश के बाद हर थाना क्षेत्र में चेकिंग प्वाइंट बनाए गए हैं और टीमों को रातभर निगरानी में तैनात किया गया है। साथ ही, ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी के जरिए हाईवे पर निगरानी बढ़ाई जा रही है ताकि ओवरलोड वाहनों की पहचान आसानी से की जा सके।
इस सघन जांच से जहां मौरंग कारोबारियों में हड़कंप मचा है, वहीं आम नागरिकों और ट्रांसपोर्ट क्षेत्र के जिम्मेदार लोगों ने प्रशासन की इस कार्रवाई का स्वागत किया है। लोगों का मानना है कि यदि ऐसी कार्रवाई लगातार होती रही, तो न केवल अवैध खनन और ओवरलोडिंग पर अंकुश लगेगा, बल्कि सरकार को होने वाले राजस्व नुकसान पर भी रोक लगेगी।