उपराष्ट्रपति ने रोटरी की मानवीय विरासत और भारत के विकास में उसकी परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर
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रोटरी की सेवा परंपरा, पोलियो उन्मूलन और राष्ट्रीय अभियानों में योगदान पर उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन के विचार
रोटरी की मानवीय विरासत, पोलियो उन्मूलन और सामाजिक अभियानों में ऐतिहासिक योगदान
उपराष्ट्रपति का सामुदायिक सेवा, नवाचार और नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देने पर जोर
सीएसआर, सार्वजनिक-निजी सहयोग और राष्ट्र निर्माण में रोटरी की महत्वपूर्ण भूमिका
नई दिल्ली/ श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने रोटरी की सदियों पुरानी विरासत की सराहना की, जिसने जन स्वास्थ्य, साक्षरता, स्वच्छ जल की उपलब्धता, पर्यावरण संरक्षण और शांति स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि ये अभूतपूर्व प्रयास सामूहिक सद्भावना और निस्वार्थ सेवा की शक्ति का उदाहरण हैं, जो रोटरी के मिशन का मूल है और भारत के अपने 'सेवा परमो धर्म:' सिद्धांत के साथ गहराई से प्रतिध्वनित होता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि 'तेजस' ज्ञान के प्रकाश और करुणा की ऊष्मा का प्रतीक है, जो आधुनिक युग में परिवर्तन और राष्ट्र निर्माण के लिए आवश्यक गुण हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत अभूतपूर्व अवसर और नवाचार के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है, जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार कर रही है। इस यात्रा में, शासन और रोटरी जैसी नागरिक-नेतृत्व वाली पहलों के बीच सहयोग समावेशी, सतत और मानवीय विकास की आधारशिला है।
रोटरी के साथ अपने व्यक्तिगत जुड़ाव पर विचार करते हुए, श्री राधाकृष्णन ने अपने छात्र जीवन के दौरान एक रोटारैक्टर के रूप में अपने अनुभवों को साझा किया। वहां उन्होंने जिला सम्मेलनों में भाग लिया था, जिससे उनमें सामुदायिक सेवा और नेतृत्व के मूल्य विकसित हुए। उन्होंने भारत में रोटरी के ऐतिहासिक योगदानों का स्मरण किया, जैसे कि कोयंबटूर रोटरी द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहली एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत और देश में सबसे तेजी से बढ़ते परोपकारी समूह के रूप में संगठन के तीव्र विस्तार के बारे में बताया। उपराष्ट्रपति ने वैश्विक स्तर पर पोलियो उन्मूलन में रोटरी के परिवर्तनकारी प्रभाव के महत्व से अवगत कराया, जहां संगठन ने अपने प्रमुख वैश्विक पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम में 2 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है।
श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने रोटरी के मानवीय कार्यों को बढ़ाने में कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) से जुड़ी पहलों के साथ तालमेल की भूमिका को भी स्वीकार किया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि विकास एक सामूहिक ज़िम्मेदारी है, जो केवल सरकारों से परे होकर नागरिकों, सामुदायिक समूहों और कॉर्पोरेट भागीदारों के निरंतर प्रयास राष्ट्र की नैतिक और सामाजिक पूंजी का निर्माण करते हैं। उपराष्ट्रपति ने स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और हर घर जल जैसे प्रमुख राष्ट्रीय अभियानों में रोटरी की सक्रिय भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि कैसे जमीनी स्तर पर भागीदारी और सार्वजनिक-निजी भागीदारी इन पहलों के प्रभाव को बढ़ाती है।
उपराष्ट्रपति ने सभी रोटरी कार्यकर्ताओं से प्रगति और नवाचार के पथप्रदर्शक के रूप में अपनी भूमिका जारी रखने का आग्रह किया और उन्हें देश में कौशल विकास, पर्यावरणीय स्थायित्व, डिजिटल साक्षरता और स्वास्थ्य सेवा की सुलभता को बढ़ावा देने के लिए नए विचारों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि विभिन्न व्यक्तियों को एक समान उद्देश्य के साथ एकजुट करने की रोटरी की अद्वितीय क्षमता सार्थक परिवर्तन लाने में इसकी प्रभावशीलता को बढ़ाती है।
रोटरी इंटरनेशनल 14 लाख से अधिक पेशेवर और सामुदायिक नेताओं का एक वैश्विक नेटवर्क है जो दुनिया की सबसे गंभीर मानवीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत में, रोटरी के 6,700 से अधिक क्लबों में 2,10,000 से अधिक सदस्य हैं, जो स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, शांति-निर्माण और आर्थिक विकास पर केंद्रित परियोजनाओं का सक्रिय रूप से नेतृत्व करते हैं।