दिल्ली में सांसों पर संकट: दिवाली के बाद AQI 400 पार, प्रदूषण 'गंभीर' श्रेणी में पहुँचा

Thu 30-Oct-2025,01:28 PM IST +05:30

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दिल्ली में सांसों पर संकट: दिवाली के बाद AQI 400 पार, प्रदूषण 'गंभीर' श्रेणी में पहुँचा Delhi air pollution 2025
  • दिल्ली का एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में, आनंद विहार सबसे प्रदूषित क्षेत्र।

  • दिवाली के बाद प्रदूषण चरम पर, धुंध और स्मॉग से सांस लेना मुश्किल।

  • मौसम विभाग के अनुसार 4 नवंबर तक बारिश के आसार नहीं।

Delhi / Delhi :

Delhi / राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दिवाली के बाद से वायु प्रदूषण एक बार फिर गंभीर स्तर पर पहुंच गया है। राजधानी की हवा में घुला धुआं और धूल अब लोगों की सेहत पर भारी पड़ रहा है। हर साल की तरह इस बार भी त्योहारों के बाद दिल्ली की हवा में जहर घुल गया है, जिससे सांस लेना तक दूभर हो गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, बृहस्पतिवार सुबह आनंद विहार इलाके का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 409 दर्ज किया गया, जो हवा की ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। इसका मतलब यह है कि हवा में मौजूद प्रदूषक तत्व इतने खतरनाक स्तर पर पहुंच चुके हैं कि यह न केवल बच्चों और बुजुर्गों बल्कि स्वस्थ लोगों के लिए भी हानिकारक हैं।

लोधी रोड पर एक्यूआई 325 तक पहुंच गया है, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है। इस क्षेत्र में प्रदूषण कम करने के लिए नगर निगम की टीमें पानी का छिड़काव कर रही हैं, ताकि हवा में उड़ने वाली धूल पर काबू पाया जा सके। वहीं, आईटीओ क्षेत्र में एक्यूआई 359 दर्ज किया गया है, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में है। इस क्षेत्र में वाहनों की अधिक आवाजाही के कारण प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है।

इंडिया गेट जैसे प्रमुख इलाकों में भी धुंध की मोटी परत छाई हुई है। सीपीसीबी के अनुसार, यहां एक्यूआई 319 दर्ज किया गया, जबकि एम्स के आसपास यह आंकड़ा 276 रहा। इसका मतलब यह है कि दिल्ली के लगभग सभी इलाकों में हवा ‘खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी के बीच झूल रही है।

लोगों को सलाह दी गई है कि वे बिना जरूरत घर से बाहर न निकलें और बाहर निकलने पर मास्क का प्रयोग जरूर करें। डॉक्टरों के मुताबिक, इस स्तर का प्रदूषण आंखों में जलन, सिरदर्द, खांसी और सांस की तकलीफ जैसी समस्याएं बढ़ा सकता है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और हृदय रोगियों के लिए यह स्थिति अत्यंत खतरनाक है।

दिल्ली के मौसम में भी प्रदूषण का असर साफ दिख रहा है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, शहर का न्यूनतम तापमान 20.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से चार डिग्री अधिक है। सुबह के समय आर्द्रता 90 प्रतिशत तक पहुंच गई, जिससे धुंध और स्मॉग का मिश्रण बनकर दृश्यता भी घट गई। कर्तव्य पथ, आनंद विहार, बुराड़ी और अक्षरधाम जैसे क्षेत्रों में सुबह-सुबह घना कोहरा देखने को मिला।

सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के कुल 33 निगरानी केंद्रों में से ज्यादातर में वायु गुणवत्ता 300 से ऊपर दर्ज की गई — यानी लगभग पूरी राजधानी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में है। विवेक विहार में एक्यूआई 415 और आनंद विहार में 408 रहा, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में गिना जाता है।

सीपीसीबी की श्रेणियों के अनुसार, 0 से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है।

मौसम विभाग ने साफ किया है कि चार नवंबर तक बारिश की संभावना नहीं है, जिससे प्रदूषण में राहत मिलना मुश्किल है। हवा की गति धीमी होने और तापमान गिरने से प्रदूषक तत्व नीचे ही जमा हो जाते हैं, जिससे सांस लेना और मुश्किल हो जाता है।

दिल्ली सरकार ने फिलहाल पानी का छिड़काव, स्मॉग टावर और निर्माण कार्यों पर नियंत्रण जैसे कदम उठाने शुरू किए हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि स्थायी समाधान के लिए अब कड़े और दीर्घकालिक कदमों की जरूरत है।

राजधानी के लोगों के लिए यह स्थिति एक चेतावनी है — जब तक पर्यावरण की जिम्मेदारी सामूहिक रूप से नहीं ली जाएगी, तब तक हर साल दिवाली के बाद यही कहानी दोहराई जाएगी: धुंध, दमघोंटू हवा और मास्क में लिपटी ज़िंदगी।