स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, यह दुर्घटना सुबह करीब 5:30 बजे स्थानीय समयानुसार हुई। विमान ने डायनी एयरस्ट्रिप से उड़ान भरी थी और लगभग 40 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद यह क्वाले के जंगलों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उस वक्त तटीय क्षेत्र में भारी बारिश हो रही थी, जिससे दृश्यता काफी कम थी। मौसम विभाग ने पहले से ही तेज हवाओं और बारिश की चेतावनी जारी की थी। प्रारंभिक जांच में माना जा रहा है कि खराब मौसम और तकनीकी गड़बड़ी इस हादसे की मुख्य वजह हो सकती है।
एयरलाइन कंपनी मोंबासा एयर सफारी ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इस दुखद घटना की पुष्टि की। कंपनी के मुताबिक, उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद पायलट से कंट्रोल टॉवर का संपर्क टूट गया था। करीब 30 मिनट तक लगातार संपर्क साधने की कोशिश की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अंततः जब रेस्क्यू टीमों ने तलाशी अभियान शुरू किया, तो उन्हें विमान का मलबा क्वाले के जंगलों में मिला — जो आग की लपटों में पूरी तरह जल चुका था।
क्वाले काउंटी कमिश्नर स्टीफन ओरिंडे ने बताया कि राहत दल तुरंत मौके पर पहुंचा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। विमान में सवार सभी यात्री और पायलट मौके पर ही दम तोड़ चुके थे। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने सुबह तेज धमाके की आवाज सुनी और जब वे मौके पर पहुंचे तो उन्होंने विमान को धधकते हुए देखा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शव इतने बुरी तरह जल चुके थे कि उनकी पहचान करना बेहद मुश्किल था।
हादसे के बाद केन्या नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (KCAA) ने जांच के आदेश दिए हैं। प्राधिकरण ने बताया कि विमान में कुल 12 लोग सवार थे, जबकि एयरलाइन कंपनी ने 11 यात्रियों की पुष्टि की है। इस विसंगति को लेकर भी जांच की जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह हादसा केन्या की विमानन सुरक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
दरअसल, 2018 की अंतरराष्ट्रीय विमानन सुरक्षा रिपोर्ट में केन्या को विमान दुर्घटना जांच और सुरक्षा मानकों के मामले में वैश्विक औसत से नीचे बताया गया था। यह ताजा हादसा एक बार फिर देश की विमानन सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर रहा है।
मासाई मारा नेशनल रिजर्व अफ्रीका का एक विश्वप्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जहां हर साल हजारों विदेशी पर्यटक “वाइल्डबीस्ट माइग्रेशन” — यानी हिरणों के वार्षिक पलायन — को देखने आते हैं। यह रिजर्व डायनी से महज दो घंटे की सीधी उड़ान की दूरी पर है। पर्यटकों के बीच इसकी लोकप्रियता के कारण कई निजी एयरलाइंस यहां उड़ानें संचालित करती हैं।
यह हादसा न केवल 11 परिवारों के लिए अपूरणीय क्षति लेकर आया है, बल्कि केन्या की पर्यटन और विमानन उद्योग के लिए भी एक बड़ा झटका है। विशेषज्ञ अब मांग कर रहे हैं कि देश में उड़ान सुरक्षा नियमों की व्यापक समीक्षा की जाए ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।
हादसे की जांच जारी है और सरकार ने कहा है कि मृतकों के परिवारों को हरसंभव सहायता दी जाएगी। फिलहाल, केन्या शोक में डूबा हुआ है — और यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि तकनीक और पर्यटन की प्रगति के बावजूद, सुरक्षा और सतर्कता की अहमियत कभी कम नहीं होती।