झारखंड में चक्रवाती तूफान “मोंथा” का असर: भारी बारिश, ऑरेंज-येलो अलर्ट जारी, ओडिशा-बिहार तक पहुंचेगा प्रभाव

Tue 28-Oct-2025,11:34 AM IST +05:30

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झारखंड में चक्रवाती तूफान “मोंथा” का असर: भारी बारिश, ऑरेंज-येलो अलर्ट जारी, ओडिशा-बिहार तक पहुंचेगा प्रभाव Cyclone Montha update India
  • झारखंड में “मोंथा” तूफान से भारी बारिश की चेतावनी.

  • आंध्र, ओडिशा और बिहार में ऑरेंज-येलो अलर्ट जारी.

  • दिल्ली-एनसीआर में हल्की बारिश और सुहावना मौसम.

Jharkhand / Ranchi :

Ranchi / पूर्वी भारत का मौसम एक बार फिर करवट लेने वाला है। बंगाल की खाड़ी में बन रहा चक्रवाती तूफान “मोंथा” (Montha) अब तेजी से उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ रहा है और इसका असर झारखंड, बिहार, ओडिशा और बंगाल समेत पूरे पूर्वी भारत में दिखने वाला है। मौसम विभाग ने झारखंड के कई जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी कर दिया है। यह तूफान 28 अक्टूबर से लेकर 31 अक्टूबर तक राज्य में भारी से बहुत भारी वर्षा का कारण बनेगा।

मौसम केंद्र रांची की रिपोर्ट के मुताबिक, 28 अक्टूबर से झारखंड के कई जिलों में लगातार बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है। शुरुआती असर सिमडेगा, खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम और गुमला जिलों में देखने को मिलेगा, जहां भारी बारिश के साथ हवा की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे तक जा सकती है।

इसके अगले दिन यानी 29 अक्टूबर को रांची, लातेहार, लोहरदगा, गुमला और सिमडेगा जिलों में बारिश की तीव्रता और बढ़ जाएगी। 30 अक्टूबर को चतरा, गढ़वा, पलामू, गिरिडीह, कोडरमा, बोकारो, रामगढ़ और हजारीबाग में झमाझम बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। महीने के आखिरी दिन 31 अक्टूबर को दुमका, गोड्डा, पाकुड़ और साहिबगंज जिलों में भारी बारिश और बिजली गिरने की आशंका जताई गई है।

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि लगातार बारिश की वजह से भूस्खलन, जलजमाव और परिवहन व्यवस्था पर असर पड़ सकता है। खेतों में खड़ी फसलों, बागवानी और पेड़-पौधों को भी नुकसान पहुंचने की संभावना है। विभाग ने लोगों को सचेत किया है कि वे मौसम की परिस्थितियों को हल्के में न लें और सावधानी बरतें।

ऑरेंज अलर्ट का मतलब है कि स्थिति गंभीर हो सकती है। ऐसे में भारी बारिश के कारण जनजीवन पर बड़ा असर पड़ सकता है — खासकर नदी किनारे, पहाड़ी या ढलवां इलाकों में। वहीं येलो अलर्ट के तहत हल्का जलभराव, परिवहन बाधा और फसलों को नुकसान जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, “मोंथा” फिलहाल दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर 12.6° उत्तर अक्षांश और 85.0° पूर्व देशांतर पर केंद्रित है। यह पिछले कुछ घंटों में लगभग 18 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ा है। 27 अक्टूबर की सुबह 8:30 बजे तक यह चेन्नई से 520 किमी पूर्व-दक्षिण-पूर्व और विशाखापत्तनम से लगभग 600 किमी दक्षिण-दक्षिण-पूर्व में स्थित था।

IMD ने यह भी अनुमान जताया है कि 28 अक्टूबर की सुबह तक यह गंभीर चक्रवाती तूफान (Severe Cyclonic Storm) में तब्दील हो जाएगा। उस समय इसकी हवा की रफ्तार 90 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, यह तूफान मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच तटीय इलाकों से टकरा सकता है।

आंध्र प्रदेश में एहतियात के तौर पर कई तटीय जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं, जबकि कई फ्लाइट्स रद्द कर दी गई हैं। राज्य के पेद्दापल्ली, जयशंकर भूपालपल्ली और मुलुगु जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी है। वहीं, ओडिशा में भी अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की संभावना बनी हुई है।

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि “मोंथा” का प्रभाव बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक पहुंच सकता है। बिहार के सीमावर्ती इलाकों में तेज बारिश और हवाओं के साथ बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है। वहीं उत्तर प्रदेश के लखनऊ, बांदा और आसपास के जिलों में हल्की बारिश दर्ज की गई है, जिससे मौसम खुशनुमा बना हुआ है।

दिल्ली-एनसीआर में भी “मोंथा” और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के मेल से मौसम में बदलाव देखा जा रहा है। अगले दो दिनों तक यहां बादल छाए रहेंगे और हल्की गरज के साथ बारिश की संभावना है। इस दौरान दिन का तापमान गिरने की संभावना है जबकि रातें थोड़ी उमस भरी रह सकती हैं।

मौसम विभाग ने लोगों से खास अपील की है कि नदी, तालाब या झीलों के किनारे जाने से बचें, विशेषकर मछली पकड़ने, नौका विहार या कैम्पिंग जैसी गतिविधियों से परहेज करें। सुरक्षा के लिए जरूरी है कि लोग अलर्ट रहें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

पूर्वी भारत में “मोंथा” की दस्तक एक बार फिर हमें यह याद दिला रही है कि प्रकृति की ताकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। थोड़ी सावधानी और जागरूकता हमें आने वाले इन बरसाती दिनों में सुरक्षित रख सकती है।