बच्चू कडू का पलटवार: किसान आंदोलन, ट्रोलिंग विवाद और BJP पर गंभीर आरोप
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Bacchu Kadu press conference
बच्चू कडू का BJP पर ट्रोलिंग साजिश का आरोप.
किसान कर्जमाफी आंदोलन के बाद विवाद तेज.
ट्रोलर्स की पहचान कर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी.
Nagpur / अमरावती से नागपुर तक किसानों की आवाज़ बनकर खड़े हुए प्रहार जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व विधायक बच्चू कडू इन दिनों एक अलग ही वजह से सुर्खियों में हैं। जिन किसान रैलियों और आंदोलनों की वजह से उन्हें सराहना मिलनी चाहिए थी, वही आंदोलन अब सोशल मीडिया ट्रोलिंग का निशाना बन गया है। हालात ऐसे हो गए कि बच्चू कडू को अमरावती में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुद सामने आकर सफाई देनी पड़ी।
कडू ने एकदम साफ शब्दों में कहा कि उन्हें ट्रोल किया जाना एक सुनियोजित राजनीतिक षड्यंत्र है, जिसमें भाजपा की भूमिका है। उनका कहना है कि उनके किसान आंदोलन ने बड़ी सफलता हासिल की—कर्जमाफी की तारीख तय करवाना कोई छोटी उपलब्धि नहीं थी। यही बात कुछ लोगों को खटक गई है। इसीलिए, सोशल मीडिया पर फर्जी आरोप फैलाकर उनकी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है।
बच्चू कडू ने कहा, "कुछ लोग कह रहे हैं कि हमारा आंदोलन मैनेज हो गया। ऐसे लोगों को शर्म आनी चाहिए। हमने किसानों के लिए लड़ाई लड़ी है। सरकार से कोई सेटलमेंट नहीं हुआ, कोई सौदेबाजी नहीं की गई। जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वे पूरी तरह झूठे हैं।"
उनके अनुसार, नागपुर में महा एल्गार मोर्चा के जरिए किसानों की मांगों पर सरकार की सहमति मिलना कुछ राजनीतिक वर्गों को बिल्कुल रास नहीं आया। कडू ने भावुक होकर कहा, "मां सीता को भी अग्निपरीक्षा देनी पड़ी थी, मैं तो बहुत छोटा आदमी हूं। लेकिन अब चुप नहीं बैठेंगे। हमारी लीगल टीम सोशल मीडिया ट्रोलर्स की पहचान करने में लग गई है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।"
बच्चू कडू ने सीधे शब्दों में भाजपा पर हमला बोला। बिना नाम लिए उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरा विवाद भाजपा की तरफ से खड़ा किया गया है ताकि किसान आंदोलन कमजोर पड़े। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि आगामी निकाय चुनावों में भाजपा को वोट न दें, क्योंकि ट्रोलिंग करने वाले लोग किसान विरोधी मानसिकता से काम कर रहे हैं।
27 अक्टूबर को चंदुरबाजार से शुरू हुए किसान आंदोलन ने तेजी से गति पकड़ी। हजारों किसानों की ट्रैक्टर रैली नागपुर पहुंची, जहां उन्होंने कर्जमाफी, फसल नुकसान भरपाई, सूखा-बाढ़ राहत और पुराने मानदंड बहाल करने जैसी अहम मांगें रखीं। आंदोलन जोर पकड़ता देख मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सीधे बच्चू कडू को फोन किया और 30 जून 2026 तक कर्जमाफी की घोषणा की।
इतना ही नहीं, राज्य सरकार ने पात्र किसानों की पहचान के लिए नौ सदस्यीय समिति भी गठित कर दी है, जो अप्रैल 2026 तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस घोषणा के बाद कडू ने किसानों से आंदोलन स्थगित करने का अनुरोध किया।
लेकिन इस जीत के बाद शुरू हुई ट्रोलिंग ने माहौल बदल दिया। कडू का मानना है कि किसानों के हक में मिली जीत कुछ लोगों को बेचैन कर गई है और वे आंदोलन की ताकत को कमजोर करने के लिए हर कोशिश कर रहे हैं।
जो बात साफ दिखती है, वह यह कि बच्चू कडू फिलहाल पीछे हटने वालों में से नहीं हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि किसानों के साथ किए गए विश्वास से समझौता नहीं होगा और उनकी लड़ाई जारी रहेगी—सड़क पर भी और अदालत में भी।