श्रीलंका में गिरफ्तारी: तमिलनाडु के 35 मछुआरे IMBL पार करने पर हिरासत में – बढ़ता समुद्री तनाव
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |
Sri Lanka navy arrests fishermen
श्रीलंकाई नौसेना ने 35 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया.
IMBL पार करने और मछली पकड़ने का आरोप.
तमिलनाडु के तटों पर बढ़ी चिंता और विरोध.
Sri Lanka / श्रीलंकाई नौसेना द्वारा तमिलनाडु के 35 और मछुआरों की गिरफ्तारी ने एक बार फिर समुद्री सीमा विवाद को सुर्खियों में ला दिया है। ताज़ा घटना में एक देशी नाव और तीन मशीनी नावों को भी जब्त किया गया है। आरोप वही है—अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL) पार करके श्रीलंकाई जल क्षेत्र में मछली पकड़ना। यह मामला अब तमिलनाडु के तटीय इलाकों में रहने वाले हजारों परिवारों के लिए भय और चिंता का कारण बन चुका है, खासकर जब पिछले डेढ़ महीने में 40 से ज्यादा मछुआरे इसी तरह गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
सूत्रों के अनुसार, पहले चार मछुआरे जो तमिलनाडु और पुडुचेरी के बंदरगाहों से समुद्र में उतरे थे, उन्हें श्रीलंकाई नौसेना ने पकड़ लिया और उनकी देशी नाव भी जब्त कर ली गई। इसके अगले ही दिन, तीन मशीनी नावों पर सवार 31 मछुआरों को भी IMBL पार करने के आरोप में हिरासत में ले लिया गया। इन तीन नावों में दो पर 10-10 और तीसरी नाव पर 11 लोग सवार थे। सभी नावों को जप्त करके मछुआरों के साथ कांकेसंथुराई नौसेना शिविर ले जाया गया, जहां उनसे पूछताछ जारी है।
श्रीलंकाई नौसेना के प्रवक्ता का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद इन्हें अदालत में पेश किया जाएगा, और संभव है कि इन्हें जेल भेज दिया जाए। जाफना मत्स्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, ये सभी मछुआरे तमिलनाडु के नागपट्टिनम और कराईकल क्षेत्रों के रहने वाले हो सकते हैं। तमिलनाडु के किनारों पर बसे गांवों में यह खबर तेजी से फैल गई, और परिवारों में बेचैनी बढ़ गई है। उनकी सबसे बड़ी चिंता यह है कि कब तक उनके अपने लोग सुरक्षित घर लौट पाएंगे।
यह कोई पहली बार का मामला नहीं है। भारत और श्रीलंका के बीच समुद्री सीमा रेखा को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। तमिलनाडु के मछुआरे अक्सर यह दावा करते रहे हैं कि श्रीलंका के समुद्री क्षेत्र के पास मछलियों की मात्रा अधिक है, और पारंपरिक रूप से वे उस इलाके में मछली पकड़ते आए हैं। लेकिन IMBL बनने के बाद उन्हें उस क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं है। जब भी वे अनजाने में या मजबूरी में सीमा पार कर जाते हैं, श्रीलंकाई नौसेना उन्हें गिरफ्तार कर लेती है, नावें जब्त कर लेती है और कई बार कठोर सज़ा भी मिलती है।
इस ताज़ा गिरफ्तारी ने मछुआरा समुदाय में रोष बढ़ा दिया है। प्रभावित परिवारों का कहना है कि उनके कमाने वाले लोग जेल में हैं और घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है। मछुआरे संघों ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह इस मामले को तुरंत श्रीलंका के साथ उठाए और सभी गिरफ्तार मछुआरों की रिहाई सुनिश्चित करे। उनका यह भी कहना है कि दो देशों के बीच इस पुरानी समस्या का स्थायी समाधान निकाले बिना ऐसी घटनाएं बार-बार होंगी और गरीब मछुआरे इसकी कीमत चुकाते रहेंगे।
तमिलनाडु के तटीय इलाकों में लोग इसी उम्मीद में हैं कि भारत सरकार जल्द हस्तक्षेप करेगी, और उनके अपने लोग सुरक्षित घर वापस आएंगे। लेकिन जब तक दोनों देशों के बीच मजबूत और स्पष्ट सहमति नहीं बनती, तब तक समुद्र में उतरने वाला हर मछुआरा डर और अनिश्चितता के साथ ही अपनी नाव चलाएगा।