रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान: ऑपरेशन सिंदूर, अल्लूरी राजू की जयंती और आदिवासी सशक्तिकरण

Sat 05-Jul-2025,10:22 AM IST +05:30

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान: ऑपरेशन सिंदूर, अल्लूरी राजू की जयंती और आदिवासी सशक्तिकरण रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान: ऑपरेशन सिंदूर, अल्लूरी राजू की जयंती और आदिवासी सशक्तिकरण
  • ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना का साहस और संयम।

  • अल्लूरी सीताराम राजू की जयंती पर आदिवासी गौरव का सम्मान।

  • आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई का संकल्प।

Telangana / Hyderabad :

hyderabad / 4 जुलाई 2025 को हैदराबाद, तेलंगाना में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा और आदिवासी सशक्तिकरण से जुड़े कई अहम मुद्दों पर विचार रखे। यह कार्यक्रम महान स्वतंत्रता सेनानी और 'आदिवासी योद्धा' अल्लूरी सीताराम राजू की 128वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने "ऑपरेशन सिंदूर" की चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय सेना ने आतंकवादियों के कर्मों के आधार पर उनका खात्मा किया, जबकि आतंकियों ने पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की धर्म के आधार पर हत्या की।

राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित आतंकी ठिकानों को पूरी रणनीति और संयम के साथ नष्ट किया। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि इन अभियानों में यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी नागरिक को नुकसान न पहुंचे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि अब भारतीय सशस्त्र बल आतंकवाद के खिलाफ हर प्रकार की आवश्यक कार्रवाई करने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र और सक्षम हैं।

इस कार्यक्रम का एक विशेष पहलू यह था कि रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर में दिखाए गए धैर्य और संयम को स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू के गुणों से जोड़ा। उन्होंने अल्लूरी जी को 'संत-योद्धा' की उपाधि देते हुए कहा कि उनका जीवन केवल क्रांति नहीं, बल्कि एक नैतिक आंदोलन था। अल्लूरी राजू ने सीमित संसाधनों में गुरिल्ला युद्ध के माध्यम से ब्रिटिश सत्ता को चुनौती दी और यह साबित किया कि अन्याय के खिलाफ खड़े होना केवल अधिकार नहीं, बल्कि राष्ट्र का धर्म है।

राजनाथ सिंह ने इस मंच से आदिवासी सशक्तिकरण की दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए ठोस कदमों की जानकारी भी साझा की। उन्होंने ‘पीएम आदिवासी विकास मिशन’, ‘स्किल इंडिया अभियान’ और ‘राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन कार्यक्रम’ जैसे प्रयासों को सिर्फ योजनाएं नहीं, बल्कि सम्मान और अवसर प्रदान करने वाले परिवर्तनकारी कदम बताया। उन्होंने कहा कि ये प्रयास अल्लूरी राजू की विचारधारा से प्रेरित हैं, जो जीवन भर समाज के सबसे वंचित तबके को ऊपर उठाने के लिए समर्पित रहे।

रक्षा मंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि सरकार का दृष्टिकोण केवल नीति-निर्धारण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन मूल्यों और आदर्शों से प्रेरित है जिनके लिए अल्लूरी सीताराम राजू ने अपना जीवन समर्पित किया। उन्होंने जातिगत भेदभाव को तोड़ते हुए एकता, नैतिकता और नेतृत्व का जो उदाहरण प्रस्तुत किया, वह आज भी राष्ट्र निर्माण में पथदर्शक बना हुआ है।

अंततः, श्री राजनाथ सिंह ने इस जयंती समारोह को मोदी सरकार के 11 वर्षों के परिवर्तनकारी शासन की सफलता और 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की दिशा में उठाए गए दृढ़ संकल्प का प्रतीक बताया। उनका संबोधन न केवल अतीत के गौरवशाली इतिहास की याद दिलाने वाला था, बल्कि वर्तमान और भविष्य के भारत की दिशा और दशा तय करने वाला भी सिद्ध हुआ।