गोपाल खेमका पटना के एक बड़े कारोबारी माने जाते थे और मगध अस्पताल के मालिक भी थे। वह अपने आवास, जो पनास होटल के पास स्थित है, वहां एक अपार्टमेंट में कार से उतर ही रहे थे कि पहले से घात लगाए बैठे बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। हमले के बाद खेमका की मौके पर ही मौत हो गई।
घटना की सूचना मिलते ही गांधी मैदान थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। पुलिस ने घटनास्थल से एक गोली और एक खोखा बरामद किया है।
पुलिस के अनुसार, हत्या की वजह की जांच की जा रही है। इस जघन्य हत्याकांड के बाद पुलिस ने तुरंत एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) गठित कर दी है। टीम को जल्द से जल्द अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी का निर्देश दिया गया है।
पुलिस अधीक्षक दीक्षा ने बयान जारी करते हुए कहा, “4 जुलाई की रात करीब 11 बजे हमें सूचना मिली कि गांधी मैदान थाना क्षेत्र में व्यवसायी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। मौके से गोली और खोखा बरामद किया गया है। घटनास्थल को सुरक्षित कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।”
खास बात यह है कि यह पहला मौका नहीं है जब खेमका परिवार को इस तरह के हमले का सामना करना पड़ा हो। छह साल पहले, गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की भी वैशाली जिले के औद्योगिक थाना क्षेत्र में हत्या कर दी गई थी। उस हत्याकांड के बाद भी काफी बवाल मचा था, लेकिन अब एक बार फिर से पटना में अपराधियों के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं।
घटना के बाद से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है और व्यवसायी वर्ग में भी रोष देखा जा रहा है। लोगों ने सरकार और प्रशासन से कानून-व्यवस्था की स्थिति को सुधारने की मांग की है। पुलिस लगातार अपराधियों की तलाश में छापेमारी कर रही है और भरोसा दिला रही है कि जल्द ही गुनहगारों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इस सनसनीखेज हत्या ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या राजधानी पटना में व्यवसायियों की जान अब सुरक्षित नहीं रही?