Bhilwara Jahazpur mob lynching | युवक की पीट-पीटकर हत्या, सांप्रदायिक तनाव और विहिप का विरोध
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भीलवाड़ा के जहाजपुर में युवक की पीट-पीटकर हत्या।
सांप्रदायिक तनाव, बाजार बंद और भारी पुलिस तैनाती।
विहिप-बजरंग दल का रोष, मोहर्रम ताजिए रोकने की चेतावनी।
जहाजपुर कस्बे / राजस्थान के संवेदनशील जिले भीलवाड़ा के जहाजपुर कस्बे में शुक्रवार शाम को एक दर्दनाक घटना के बाद सांप्रदायिक तनाव फैल गया। टोंक जिले के छावनी क्षेत्र से आए चार युवकों की कार कस्बे के एक धार्मिक स्थल के पास लगे आलू-प्याज के ठेले से मामूली रूप से टकरा गई। यह टक्कर एक सामान्य घटना लग रही थी, लेकिन बात इतनी बढ़ गई कि गुस्साई भीड़ ने कार सवार एक युवक सीताराम को बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला।
इस घटना से पूरे कस्बे में भय और आक्रोश का माहौल बन गया है। हत्या की खबर फैलते ही कस्बे के सभी बाजार बंद हो गए हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भीलवाड़ा के पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह यादव खुद मौके पर पहुंचे। उनके साथ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश आर्य, डीएसपी नरेंद्र पारीक और थाना अधिकारी राजकुमार नायक समेत भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।
मृतक युवक सीताराम का शव मोर्चरी में रखा गया है, लेकिन उसके परिजन पोस्टमार्टम कराने को तैयार नहीं हैं। आक्रोशित भीड़ ने अस्पताल परिसर में एकत्र होकर प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया। इस बीच जहाजपुर के विधायक गोपीचंद मीणा ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
इस घटना ने धार्मिक संगठनों को भी आक्रोशित कर दिया है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने इसे हिंदू युवक की निर्मम हत्या बताते हुए तीव्र विरोध जताया है। विहिप के विभाग मंत्री विजय ओझा ने कहा कि यह घटना पूरे हिंदू समाज के लिए पीड़ादायक है और इससे गहरा आक्रोश उत्पन्न हुआ है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो आगामी मोहर्रम में भीलवाड़ा जिले में ताज़िए नहीं निकलने दिए जाएंगे।
स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। हर कोने पर पुलिस बल तैनात है और सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। भीलवाड़ा जिला प्रशासन लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है। लेकिन तनाव का माहौल अभी भी बना हुआ है। प्रशासन के लिए यह चुनौतीपूर्ण समय है कि वह सांप्रदायिक सौहार्द को फिर से स्थापित कर सके और दोषियों को कानून के अनुसार दंडित करे।