झारखंड के जंगलों में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम: सुरक्षाबलों ने 30 IED बम किए बरामद

Sat 05-Jul-2025,12:46 PM IST +05:30

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झारखंड के जंगलों में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम: सुरक्षाबलों ने 30 IED बम किए बरामद West Singhbhum Naxal Operation | Jharkhand IED Bomb Recovery | CPI Maoist Bomb Plot
  • पश्चिमी सिंहभूम में सुरक्षाबलों को 30 IED बम मिले।

  • संयुक्त ऑपरेशन में नक्सलियों की बड़ी साजिश विफल।

  • माओवादियों के खिलाफ झारखंड पुलिस की बड़ी कार्रवाई।

Jharkhand / Pashchim Singhbhum :

Pashchim Singhbhum / झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान के दौरान सुरक्षाबलों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के खिलाफ 4 जुलाई को एक सटीक खुफिया सूचना के आधार पर संयुक्त ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें करीब 30 शक्तिशाली आईईडी बम बरामद किए गए। इन बमों को जंगलों और पहाड़ी इलाकों में छिपाकर सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने की मंशा से बिछाया गया था। लेकिन समय रहते सुरक्षाबलों ने इन्हें ढूंढ निकाला और बम निरोधक दस्ते की सहायता से सभी बमों को मौके पर ही निष्क्रिय कर दिया गया।

इस महत्वपूर्ण ऑपरेशन में चाईबासा पुलिस, झारखंड जगुआर, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 60वीं बटालियन, सशस्त्र सीमा बल (SSB) और सरायकेला पुलिस ने संयुक्त रूप से हिस्सा लिया। यह कार्रवाई टोकलो थाना क्षेत्र (पश्चिमी सिंहभूम) और दलभंगा ओपी (सरायकेला जिला) के सीमावर्ती इलाकों में चलाया गया। बरामद IED बमों में प्रत्येक का वजन लगभग दो किलोग्राम था, जिन्हें बड़ी चालाकी से जंगलों में पगडंडियों और गश्ती मार्गों पर छिपाया गया था।

जांच में यह भी सामने आया है कि इस साजिश के पीछे भाकपा माओवादी के कई कुख्यात नक्सली नेता शामिल थे। इनमें मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछू, अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगरिया और पिंटु लोहार जैसे नाम सामने आए हैं, जो लंबे समय से इस क्षेत्र में सक्रिय हैं और लगातार विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। उनका मकसद था कि वे सुरक्षाबलों की गश्ती और तलाशी अभियानों को निशाना बनाकर भारी क्षति पहुंचाएं।

हालांकि, पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन को मिली गुप्त सूचना और सुरक्षाबलों की सतर्कता ने माओवादियों की इस योजना को समय रहते विफल कर दिया। सुरक्षा बलों की इस कार्रवाई ने न केवल संभावित जान-माल की क्षति को टाल दिया, बल्कि नक्सली नेटवर्क को कमजोर करने की दिशा में भी बड़ा कदम साबित हुआ है।

फिलहाल पूरे इलाके में तलाशी अभियान जारी है। सुरक्षाबलों द्वारा जंगलों और सीमावर्ती इलाकों में व्यापक सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है ताकि माओवादियों के हर ठिकाने को उजागर किया जा सके और उनके मंसूबों पर पूरी तरह से पानी फेरा जा सके। इस अभियान ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सुरक्षाबल किसी भी परिस्थिति में चौकस हैं और देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर हैं।