Maharashtra Road Collapse News | सड़क निरीक्षण के दौरान धंसी सड़क, ट्रक पलटा, निर्माण गुणवत्ता पर उठे सवाल
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सड़क निरीक्षण के दौरान हादसा, ट्रक पलटा।
निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर उठे सवाल।
सुप्रिया श्रीनेत ने वीडियो शेयर कर घेरा।
Bid / महाराष्ट्र के बीड जिले से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जो देश में सड़क निर्माण की गुणवत्ता और सरकारी जवाबदेही पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। खडकी गांव में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बन रही सड़क का निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारियों के सामने ही सड़क अचानक धंस गई और एक भारी ट्रक पलट गया। इस हादसे में सौभाग्य से कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन यह घटना सड़क निर्माण की घटती गुणवत्ता और लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण बनकर सामने आई है।
इस घटना के दौरान सड़क का निरीक्षण करने पहुंचे इंजीनियर और उनके कर्मचारी दल मौके पर मौजूद थे। वे पुलिया और सड़क की स्थिति का जायजा ले ही रहे थे कि तभी एक भारी ट्रक सड़क से होकर गुज़रा। अचानक सड़क धंस गई और ट्रक पलट गया। कुछ ही पलों में अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोग जान बचाने के लिए पास के गड्ढे में कूद पड़े। सौभाग्य से किसी को गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन हादसे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं।
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने भी इस वीडियो को X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने तंज कसते हुए लिखा, "जब इंजीनियर के सामने सड़क धंस जाए, तो समझिए हालात क्या होंगे।"
यह हादसा कोई पहला मामला नहीं है। भारत में बारिश और टूटी सड़कों का पुराना रिश्ता रहा है। बरसात शुरू होते ही सड़कों पर उभरते गड्ढे, कीचड़ और बदहाल हालत जनता के लिए जानलेवा साबित होती है। खासकर ग्रामीण इलाकों में सड़कें या तो बनी ही नहीं होतीं, और अगर बनती भी हैं, तो कुछ ही महीनों में टूट-फूट जाती हैं।
यही वजह है कि सड़क निर्माण के दौरान गुणवत्ता और मानकों की अनदेखी लगातार सवालों के घेरे में रही है। हाल ही में मध्यप्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह का बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने कहा था, "जब तक सड़कें हैं, तब तक गड्ढे भी होंगे। ऐसी कोई सड़क नहीं जो गड्ढे से मुक्त हो।" मंत्री का यह बयान सरकार की मानसिकता और जवाबदेही की स्थिति को दर्शाता है। उन्होंने तो यह भी जोड़ दिया था कि PWD के पास ऐसी कोई तकनीक नहीं है जिससे गड्ढे मिट सकें।
इन सबके बीच आम जनता की पीड़ा यही है कि जब नेता और मंत्री इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना बयान देंगे, तो समस्याओं का समाधान कौन करेगा? यदि निरीक्षण के दौरान ही सड़क धंस जाए, तो सोचिए आम दिनों में उस सड़क से गुजरने वाले आम नागरिक कितने सुरक्षित हैं?
अब जबकि यह मामला राष्ट्रीय बहस का विषय बन चुका है, सवाल यही है कि क्या इस घटना के बाद कोई ठोस कार्रवाई होगी या यह भी पहले की घटनाओं की तरह केवल एक वायरल वीडियो बनकर रह जाएगा? जनता यही चाहती है कि सड़क निर्माण में पारदर्शिता हो, जिम्मेदारी तय हो और दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित हो।
यह हादसा सिर्फ एक ट्रक के पलटने की घटना नहीं है, बल्कि यह सिस्टम की विफलता का प्रतीक बन चुका है।