Madhya Pradesh / Chhatarpur : Chhartarpur / मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बागेश्वर धाम में मंगलवार तड़के एक बार फिर दर्दनाक हादसा हो गया। यह हादसा सुबह करीब 3:30 बजे सेम्मानकुप्पम गांव के पास स्थित एक धर्मशाला में हुआ, जहां दीवार अचानक भरभराकर गिर गई। हादसे में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले की रहने वाली 40 वर्षीय अनीता देवी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 11 अन्य श्रद्धालु घायल हो गए। सभी घायलों को तत्काल बमीठा पुलिस और प्रशासन की मदद से एम्बुलेंस द्वारा जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। फिलहाल सभी की हालत स्थिर बताई जा रही है।
हादसे के समय धर्मशाला में श्रद्धालु सो रहे थे। अचानक तेज आवाज के साथ दीवार गिरने से कई लोग मलबे के नीचे दब गए। हादसे में मृत महिला की पहचान मिर्जापुर के अदलाहट गांव की अनीता देवी, पत्नी राजू के रूप में हुई है। प्रत्यक्षदर्शियों और घायल श्रद्धालुओं के परिजनों के अनुसार हादसे की वजह तेज बारिश रही, जो देर रात से जारी थी। मलबा गिरने की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत-बचाव कार्य शुरू किया गया।
छतरपुर जिले के सीएमएचओ डॉ. आरपी गुप्ता ने बताया कि भारी बारिश के चलते बागेश्वर धाम के पास एक ढाबे की दीवार गिर गई, जिससे श्रद्धालु इसकी चपेट में आ गए। हादसे की जांच की जा रही है ताकि दीवार गिरने के पीछे की असल वजह का पता चल सके। मृत महिला का शव पोस्टमार्टम के लिए मर्चुरी भेजा गया है।
धार्मिक कार्यक्रम के चलते इन दिनों बागेश्वर धाम में भारी भीड़ उमड़ रही है। गुरु पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर देशभर से लाखों श्रद्धालु धाम पहुंच रहे हैं। लगातार हो रही बारिश और भीड़ के दबाव को देखते हुए बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने विशेष अपील जारी की है। उन्होंने कहा है कि सभी श्रद्धालु अपने-अपने घरों में रहकर ही गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाएं ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके और व्यवस्था भी सुचारु बनी रहे।
गौरतलब है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले 3 जुलाई को भी बागेश्वर धाम में एक शेड गिरने की घटना में एक श्रद्धालु की जान जा चुकी है। उस हादसे में उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के 50 वर्षीय राजेश कौशल की मौत हो गई थी। यह घटनाएं प्रशासन और आयोजन समिति के लिए चेतावनी हैं कि भीड़ और मौसम को ध्यान में रखते हुए पुख्ता इंतजाम किए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं।