अमरनाथ यात्रा 2025: अब तक 1.45 लाख श्रद्धालु पहुंचे गुफा, सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

अमरनाथ यात्रा में अब तक 1.45 लाख श्रद्धालु शामिल।
छड़ी मुबारक का भूमिपूजन और विशेष पूजा संपन्न।
सुरक्षा के लिए 180 अतिरिक्त CAPF कंपनियाँ तैनात।
Jammu / अमरनाथ यात्रा 2025 की शुरुआत 3 जुलाई से हो चुकी है और अब तक इसमें तीर्थयात्रियों की भारी भागीदारी देखी जा रही है। केवल आठ दिनों में ही 1.45 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र अमरनाथ गुफा के दर्शन कर चुके हैं। शुक्रवार को भी 6,482 तीर्थयात्रियों का नया जत्था जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से दो सुरक्षा काफिलों में रवाना हुआ। पहले काफिले में 107 वाहनों के साथ 2,353 यात्री बालटाल के लिए निकले, जबकि दूसरे काफिले में 161 वाहन और 4,129 यात्री नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप के लिए रवाना हुए।
इस वर्ष यात्रा के दौरान विशेष धार्मिक आयोजन भी किए जा रहे हैं। गुरुवार को छड़ी मुबारक (भगवान शिव की प्रतीकात्मक गदा) का भूमिपूजन पहलगाम के गौरी शंकर मंदिर में किया गया। यह पूजन महंत स्वामी दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में श्रीनगर से पहलगाम लाई गई छड़ी मुबारक के साथ हुआ। बाद में इसे मार्तंड सूर्य मंदिर ले जाकर वहां विशेष पूजा और पवित्र झरने में स्नान कराया गया। यह छड़ी 9 अगस्त को पवित्र गुफा में पहुंचेगी, जब यात्रा औपचारिक रूप से समाप्त होगी।
इस बार यात्रा की सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा 26 नागरिकों की हत्या कर दी गई थी, के बाद सुरक्षा और सख्त कर दी गई है। सेना, सीआरपीएफ, बीएसएफ, एसएसबी और जम्मू-कश्मीर पुलिस के अलावा 180 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों की तैनाती की गई है। यात्रा मार्ग, दोनों बेस कैंप और ट्रांजिट पॉइंट्स को पूरी तरह सुरक्षाबलों द्वारा कवर किया गया है।
तीर्थयात्री पारंपरिक 46 किलोमीटर लंबे पहलगाम मार्ग या छोटे 14 किलोमीटर बालटाल मार्ग से पवित्र गुफा तक पहुंचते हैं। हालांकि, इस बार सुरक्षा कारणों से हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं। गुफा में मौजूद बर्फ का शिवलिंग भक्तों के लिए विशेष आस्था का केंद्र होता है, जो चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ आकार बदलता है।
मान्यता है कि इस गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था। यही कारण है कि यह यात्रा हिंदू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थों में से एक मानी जाती है।