चार श्रम संहिताओं के कार्यान्वयन का प्रधानमंत्री ने किया स्वागत, बताया आज़ादी के बाद सबसे बड़ा श्रम सुधार
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श्रम कोड सामाजिक सुरक्षा, समय पर वेतन और सुरक्षित कार्यस्थल की गारंटी देंगे।
महिलाओं और युवाओं के लिए लाभकारी अवसर बढ़ेंगे और रोजगार सृजन को प्रोत्साहन मिलेगा।
सुधारों से उत्पादकता बढ़ेगी, व्यापार सुगमता बढ़ेगी और भारत की आर्थिक वृद्धि को नई गति मिलेगी।
दिल्ली / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार द्वारा चार श्रम संहिताओं को लागू किए जाने का स्वागत करते हुए इसे देश की आज़ादी के बाद का सबसे व्यापक, प्रगतिशील और श्रमिक हितों को सशक्त करने वाला महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि ये श्रम संहिताएं न केवल श्रमिकों के अधिकारों को मजबूत करेंगी बल्कि व्यापार सुगमता को भी बढ़ावा देंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नए श्रम कोड सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। इनमें न्यूनतम और समय पर वेतन भुगतान, सुरक्षित कार्यस्थल और विशेषकर महिलाओं एवं युवाओं के लिए बेहतर अवसरों का प्रावधान है। उन्होंने इसे देश में एक आधुनिक और भविष्योन्मुखी श्रम पारिस्थितिकी तंत्र की दिशा में क्रांतिकारी बदलाव बताया, जिससे श्रमिकों के जीवन और कार्य स्थितियों में सुधार होगा। श्री मोदी ने कहा कि ये सुधार भारत की आर्थिक वृद्धि को नई गति देंगे। रोजगार सृजन में वृद्धि होगी, उत्पादकता बढ़ेगी और विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने की राह और मजबूत होगी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि “आज मेरे श्रमिक भाई-बहनों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। चार श्रम संहिताओं का लागू होना उन्हें अधिक सशक्त बनाएगा और नियमों के अनुपालन को आसान करेगा।”
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि ये सुधार नारी शक्ति और युवा शक्ति के लिए विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध होंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि यह श्रम सुधार देश के आर्थिक और सामाजिक विकास को नई दिशा देंगे तथा भारत को विकसित राष्ट्र बनने की ओर तीव्र गति से आगे बढ़ाएंगे।