किडनी डोनर बनने की पूरी प्रक्रिया: पात्रता से लेकर कानूनी नियम तक
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Kidney Donation
किडनी दान के लिए व्यक्ति का पूरी तरह स्वस्थ होना और उम्र 18–65 वर्ष के बीच होना आवश्यक है।
गंभीर बीमारियाँ जैसे अनियंत्रित डायबिटीज़, हाई BP, किडनी रोग या कैंसर वाले लोग डोनर नहीं बन सकते।
भारत में किडनी दान मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम के तहत होता है, जिसमें निकट संबंधियों को प्राथमिकता मिलती है।
Kidney Donation / किडनी दान एक अत्यंत मानवीय कार्य है, जो किसी व्यक्ति के जीवन को बचा सकता है। चिकित्सा विज्ञान की प्रगति के बावजूद किडनी ट्रांसप्लांट के लिए उपयुक्त डोनर मिलना अभी भी चुनौतीपूर्ण है। इसलिए, किडनी दान करने वाले व्यक्ति की पात्रता (Eligibility) को समझना बहुत आवश्यक है।
किडनी दान क्यों महत्वपूर्ण है?
आज भी देश और दुनिया में लाखों लोग किडनी फेलियर से पीड़ित हैं। डायलिसिस पर जीवन बिताना कठिन होता है, और ट्रांसप्लांट ही लंबी आयु तथा बेहतर जीवन गुणवत्ता प्रदान कर सकता है। एक स्वस्थ व्यक्ति अपनी एक किडनी देकर किसी की ज़िंदगी बदल सकता है क्योंकि मनुष्य एक किडनी पर भी सामान्य जीवन जी सकता है।
किडनी डोनर बनने की मुख्य पात्रताएँ
किडनी दान के लिए व्यक्ति की आयु सामान्यत 18 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए। कुछ मेडिकल सेंटर 70 वर्ष तक के स्वस्थ व्यक्तियों को भी स्वीकार करते हैं, पर यह चिकित्सकीय जांच पर निर्भर करता है।
2. शारीरिक स्वास्थ्य
डोनर को पूरी तरह स्वस्थ होना अनिवार्य है। वे व्यक्ति उपयुक्त माने जाते हैं।
उच्च रक्तचाप (अगर नियंत्रित हो तो स्वीकार्य)
मधुमेह (टाइप-1 या अनियंत्रित टाइप-2 आमतौर पर स्वीकार नहीं)
किडनी रोग
गंभीर हृदय रोग
लीवर रोग
संक्रमण (HIV, Hepatitis B/C)
किडनी दान से पहले व्यक्ति का विस्तृत किडनी फंक्शन टेस्ट किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दान के बाद भी डोनर का स्वास्थ्य सुरक्षित रहेगा।
मानसिक स्वास्थ्य और स्वेच्छा
डोनर को मानसिक रूप से स्थिर होना चाहिए और निर्णय लेने में सक्षम होना चाहिए।
कानूनी रूप से यह भी सुनिश्चित किया जाता है।
डोनर पर कोई दबाव या आर्थिक प्रलोभन
3. सफल किडनी प्रत्यारोपण के लिए टेस्ट किए जाते हैं।
ब्लड ग्रुप मैचिंग
HLA
क्रॉस मैच टेस्ट
अगर ये अनुकूल हों, तो ट्रांसप्लांट की सफलता की संभावना बढ़ जाती है।
भारत में कानूनी पात्रता
भारत में किडनी दान को मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम (THOA) नियंत्रित करता है।
कौन बन सकता है डोनर?
माता, पिता, बहन
इनके लिए प्रक्रिया सरल होती है।
ग़ैर-रिश्तेदार डोनर
संभव है, लेकिन इसके लिए विशेष अनुमति, जांच, और कानूनी दस्तावेज़ आवश्यक होते हैं।
कौन लोग किडनी डोनर नहीं बन सकते? निम्न स्थितियों में व्यक्ति डोनर बनने के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता
अनियंत्रित मधुमेह
गंभीर हृदय रोग
सक्रिय कैंसर
क्रोनिक किडनी डिज़ीज़
HIV Hepatitis B/C
गर्भवती महिलाएँ (अस्थायी रूप से)
मानसिक अस्थिरता
अधिक शराब/ड्रग सेवन की आदत
किडनी दान कितनी सुरक्षित है?
आधुनिक चिकित्सा में किडनी दान एक सुरक्षित प्रक्रिया मानी जाती है। हजारों लोग अपनी एक किडनी दान करने के बाद सामान्य जीवन, कामकाज और गतिविधियाँ बिना किसी समस्या के जारी रखते हैं।
डॉक्टर यह सुनिश्चित करते हैं कि डोनर का शेष जीवन सुरक्षित और स्वस्थ रहे।