भारत का जलवायु वित्तपोषण मॉडल: पीएम मोदी ने साझा किया भूपेंद्र यादव का लेख
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पारदर्शिता, समान मानकों और हरित वित्तपोषण पर भारत बना वैश्विक नेतृत्व
भारत का जलवायु वित्तपोषण वर्गीकरण वैश्विक मॉडल के रूप में उभर रहा है
घरेलू हरित वित्तपोषण को भविष्य की जलवायु नीति की दिशा माना गया
अधिक पारदर्शिता और समान मानकों पर प्रधानमंत्री मोदी का जोर
Delhi/ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्रीय मंत्री श्री भूपेंद्र यादव का एक लेख साझा किया है, जिसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि अधिक पारदर्शिता और समान मानकों के साथ वैश्विक जलवायु को लेकर वित्तपोषण को नया रूप देने का एक मजबूत अवसर है।
लेख में भारत के जलवायु को लेकर वित्तपोषण संबंधी वर्गीकरण के मसौदे और बढ़ते घरेलू हरित वित्तपोषण को व्यावहारिक नेतृत्व के उदाहरण के रूप में इंगित किया गया है जो भविष्य के लिए अधिक प्रभावी वैश्विक संरचना का मार्गदर्शन कर सकता है।
केंद्रीय मंत्री द्वारा लिखे गए लेख पर अपनी राय व्यक्त करते हुए, श्री मोदी ने कहा;
“केंद्रीय मंत्री @byadavbjp इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि अधिक पारदर्शिता और समान मानकों के साथ वैश्विक जलवायु को लेकर वित्तपोषण को नया रूप देने का एक मजबूत अवसर है।
वह भारत के जलवायु को लेकर वित्तपोषण संबंधी वर्गीकरण के मसौदे और बढ़ते घरेलू हरित वित्तपोषण को व्यावहारिक नेतृत्व के उदाहरण के रूप में इंगित करते हैं जो भविष्य के लिए अधिक प्रभावी वैश्विक संरचना का मार्गदर्शन कर सकता है।”
Union Minister
highlights that there is a strong opportunity to reshape global climate finance with greater transparency and common standards. He points to India’s draft Climate Finance Taxonomy and growing domestic green finance as examples of pragmatic leadership that can guide a more effective global architecture for the future.