भारतीय रेल का अनोखा आविष्कार : नागपुर से चला भारत का पहला ‘कवच’

Tue 25-Nov-2025,01:24 PM IST +05:30

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भारतीय रेल का अनोखा आविष्कार : नागपुर से चला भारत का पहला ‘कवच’
  • अजनी स्टेशन से कवच तकनीक से लैस पहला रेल इंजन ट्रायल रन पर रवाना, रेलवे सुरक्षा में बड़ा कदम।

  • स्वदेशी ‘कवच’ तकनीक ट्रेन टकराव, सिग्नल ओवरस्पीड और मानव त्रुटि से होने वाली दुर्घटनाओं को लगभग खत्म करेगी।

  • चरणबद्ध तरीके से जल्द ही हाई-डेन्सिटी रूट्स और वंदे भारत ट्रेनों में कवच सिस्टम को अनिवार्य किया जाएगा।

Maharashtra / Nagpur :

रेलवे / नागपुर के अजनी रेलवे स्टेशन से भारत का पहला कवच तकनीक से लैस रेल इंजन रविवार को अपने ट्रायल रन के लिए रवाना हुआ। यह भारत के रेल सुरक्षा इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। ‘कवच’ स्वदेशी एंटी-कोलिजन सिस्टम है जो ट्रेनों को एक-दूसरे से टकराने से रोकने के लिए विशेष रूप से विकसित किया गया है। इस तकनीक को भारतीय रेलवे ने मेक इन इंडिया अभियान के तहत तैयार किया है, जो स्वचालित ब्रेकिंग, सिग्नल ओवरस्पीड प्रिवेंशन और मानव त्रुटि से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने में सक्षम है।

अजनी में स्पेशल टीम की मौजूदगी में यह हाई-टेक इंजन रेलवे ट्रैक पर उतारा गया। अधिकारियों के अनुसार, यह इंजन बड़े पैमाने पर सुरक्षा जांच से गुजरा है और इसे पहले चरण में चयनित मार्गों पर चलाया जाएगा। कवच तकनीक GPS आधारित है और सिग्नल के अनुसार इंजन की गति को स्वतः नियंत्रित करती है। अगर आगे कोई ट्रेन है या खतरा है तो यह इंजन खुद ब्रेक लगा देता है। तकनीक इतनी सक्षम है कि धुंध या खराब मौसम में भी दुर्घटनाओं की संभावना लगभग समाप्त हो जाती है।

इस अवसर पर रेलवे अधिकारियों ने बताया कि नागपुर मंडल को कवच तकनीक के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है। आने वाले महीनों में कई और इंजनों को इस तकनीक से लैस किया जाएगा। कवच सिस्टम को पहले ही दक्षिण भारत के कुछ मार्गों पर सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है और अब यह धीरे-धीरे पूरे देश में लागू किया जाएगा।

रेलवे अधिकारियों ने ज़ोर देकर कहा कि कवच तकनीक लागू होने के बाद मानव त्रुटियों से होने वाली दुर्घटनाओं में भारी कमी आएगी। अधिकारियों के अनुसार, कवच सिस्टम लगभग शून्य त्रुटि पर काम करता है। इसके साथ अगर ट्रेन ड्राइवर गलती से रेड सिग्नल पार कर भी दे, तो इंजन स्वतः कंट्रोल होकर ब्रेक लगा देता है और ट्रेन रुक जाती है। यह तकनीक तेज रफ्तार ट्रेनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

रेलवे बोर्ड के तकनीकी सदस्यों ने बताया कि अजनी से शुरू किए गए ट्रायल रन के बाद इसे चरणबद्ध तरीके से हाई-डेन्सिटी कॉरिडोर और Vande Bharat ट्रेनों में भी अनिवार्य किया जाएगा। आने वाले वर्षों में, भारत दुनिया का सबसे सुरक्षित रेलवे नेटवर्क बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। अजनी स्टेशन पर स्थानीय लोगों और रेलवे कर्मचारियों में इस नई तकनीक को लेकर उत्साह देखा गया। कई अधिकारियों ने इसे रेलवे सुरक्षा के क्षेत्र में गेम चेंजर बताया। कवच तकनीक भारतीय रेलवे को वैश्विक मानकों के बराबर सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक बड़ी छलांग है।