गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान दिवस पर अमित शाह की भावपूर्ण श्रद्धांजलि

Tue 25-Nov-2025,11:38 AM IST +05:30

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गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान दिवस पर अमित शाह की भावपूर्ण श्रद्धांजलि ‘हिंद की चादर’ गुरु तेग बहादुर जी के त्याग, शौर्य और धर्म रक्षा को नमन
  • गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान दिवस पर अमित शाह का श्रद्धांजलि संदेश

  • धर्म, संस्कृति और मानवाधिकारों की रक्षा का ऐतिहासिक प्रतीक

  • ‘हिंद की चादर’ के त्याग और साहस की प्रेरक गाथा

Delhi / New Delhi :

Delhi/ भारत के केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने सिख धर्म के नौवें गुरु तथा ‘हिंद की चादर’ के नाम से अलंकृत गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान दिवस पर उन्हें सादर नमन किया। उन्होंने X प्लेटफॉर्म पर अपने संदेश में कहा कि गुरु तेग बहादुर जी का जीवन केवल आध्यात्मिक साधना और सत्संग तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वे अत्याचार, अधर्म और सांस्कृतिक दमन के विरुद्ध अडिग प्रतिरोध के प्रतीक भी बने।

गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान भारतीय इतिहास की उन अमर गाथाओं में से एक है, जिसने धर्म, संस्कृति और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए सर्वोच्च उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कश्मीरी पंडितों पर हो रहे धार्मिक अत्याचारों के विरुद्ध आवाज उठाई और मुगल सत्ता के सामने सत्य, न्याय और स्वतंत्रता के लिए निर्भीक होकर खड़े हुए। जब धर्मांतरण के प्रबल प्रयासों ने कश्मीर की सनातन परंपराओं को खतरे में डाला, तब गुरु तेग बहादुर जी उनकी ढाल बनकर सामने आए।

अमित शाह ने अपने संदेश में कहा कि गुरु साहिब का बलिदान त्याग, संयम, शौर्य और समर्पण का उज्ज्वल उदाहरण है, जो आज भी प्रत्येक भारतीय को राष्ट्ररक्षा, सत्यनिष्ठा और मानवीय मूल्यों के संरक्षण के संकल्प से भर देता है। गुरु तेग बहादुर जी ने न केवल अपने जीवन से बल्कि अपने सर्वोच्च बलिदान से भी यह संदेश दिया कि धर्म की रक्षा केवल हथियारों से नहीं, बल्कि अदम्य साहस, धैर्य और अटल विश्वास से होती है।

350 वर्षों बाद भी उनका बलिदान मानवता के लिए प्रेरणा का स्तंभ बना हुआ है। भारत उनकी महान विरासत से निरंतर शक्ति पाता है और आने वाली पीढ़ियाँ भी इस अमर गाथा से सदैव प्रेरित होती रहेंगी।