फेक अकाउंट्स की पोल खोलने उतरा X, नई पारदर्शिता फीचर से बढ़ेगी पहचान
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X ने नया पारदर्शिता फीचर जारी किया, जिसमें यूजरनेम इतिहास, लोकेशन और साइन-अप डेट सार्वजनिक रूप से दिखेगी।
यह अपडेट फेक अकाउंट्स, बॉट्स और गलत सूचना फैलाने वाले प्रोफाइल की पहचान आसान बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।
कई यूजर्स को फीचर दिखना शुरू हुआ, जबकि बाकी को रोलआउट पूरा होने तक समय दिया जा रहा है।
बैंगलोर / सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पूर्व में ट्विटर ने एक बड़ा और महत्वपूर्ण अपडेट जारी किया है, जिसका उद्देश्य प्लेटफॉर्म को ज्यादा पारदर्शी बनाना और फेक अकाउंट्स तथा बॉट्स की बढ़ती समस्या को रोकना है। इस नए फीचर के तहत अब यूजर्स अपने और दूसरों के अकाउंट्स की कई महत्वपूर्ण बैकएंड डिटेल्स देख सकेंगे। जिनमें लोकेशन सेटिंग्स, यूजरनेम बदलने का पूरा इतिहास, ओरिजिनल साइन-अप डेट, और ऐप किस स्रोत से इंस्टॉल किया गया, जैसी जानकारियाँ शामिल हैं। X का मानना है कि इन डिटेल्स के सार्वजनिक होने से फेक ऐक्टिविटी, गलत सूचना फैलाने वाले अकाउंट्स और बॉट-नेटवर्क्स की पहचान करना पहले से आसान हो जाएगा।
पिछले कुछ वर्षों में, सोशल प्लेटफ़ॉर्म्स पर AI-आधारित बॉट्स की संख्या तेजी से बढ़ी है, जो खुद को असली यूजर जैसा दिखाकर फेक एंगेजमेंट पैदा करते हैं। यही कारण है कि वास्तविक और फेक प्रोफाइल में फर्क करना आम यूजर के लिए मुश्किल होता जा रहा है। X कहता है कि पारदर्शिता बढ़ाने का यह अपडेट डिजिटल भरोसे को मजबूत करेगा और यूजर्स को यह समझने में मदद देगा कि कौन सा अकाउंट विश्वसनीय है और कौन नहीं। Tech Crunch की रिपोर्ट के अनुसार, अब अगर कोई अकाउंट अपने प्रोफाइल में किसी अमेरिकी राज्य का दावा करता है, लेकिन लोकेशन डेटा किसी दूसरे देश का संकेत देता है, तो इसे तुरंत संदिग्ध माना जा सकता है। इस प्रकार की असंगति फर्जी जानकारी फैलाने या पहचान छुपाने का संकेत हो सकती है।
अक्टूबर 2025 में शुरू हुआ था फीचर का परीक्षण
X ने इस फीचर की घोषणा सबसे पहले अक्टूबर 2025 में की थी। X के हेड ऑफ प्रोडक्ट, निकिता बीयर ने बताया था कि कंपनी सीमित प्रोफाइल्स पर इस फीचर का परीक्षण शुरू करेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसकी कार्यप्रणाली और उपयोगिता सही तरीके से काम करती रहे। बीयर का कहना था कि जल्द ही इसे ग्लोबली रोलआउट किया जाएगा। आज यह फीचर विश्वभर के कई यूजर्स को दिखना शुरू हो गया है, हालांकि Tech Crunch कहता है कि वे अभी दूसरों की प्रोफाइल पर सभी डिटेल्स नहीं देख पा रहे हैं। इसका मतलब है कि रोल-आउट अभी फेज वाइज चल रहा है।
अपने अकाउंट की डिटेल्स कैसे देखें?
X प्रोफाइल पर ‘Joined’ डेट पर टैप करते ही एक नया पेज खुलता है, जिसमें निम्न जानकारी दिखाई देती है।
आपने X कब जॉइन किया
अकाउंट से लिंक लोकेशन
आपने कितनी बार यूजरनेम बदला और आखिरी बार कब बदला
आपने ऐप कैसे इंस्टॉल किया App Store, Google Play या वेब
X का कहना है कि यह फीचर यूजर्स को कई बातों का अंदाज़ा देगा जैसे अकाउंट की विश्वसनीयता, उम्र, व्यवहार पैटर्न और क्या वह अकाउंट अचानक बदल गया है या पहले किसी टारगेटेड कैंपेन का हिस्सा रहा है।
क्यों दिख रही हैं सिर्फ अपनी डिटेल्स?
Experts के अनुसार, X शायद यूजर्स को समय दे रहा है ताकि वे अपनी दिखाई जा रही जानकारियों की पुष्टि कर सकें और सेटिंग्स में बदलाव कर सकें। इसके बाद ही कंपनी इसे सार्वभौमिक रूप से सबके लिए ओपन करेगी। कंपनी पहले भी लोकेशन डिस्प्ले की सेटिंग में बदलाव कर चुकी है। जहां पहले सिर्फ कुछ देशों के यूजर्स को अपना लोकेशन छुपाने या बड़ा क्षेत्र दिखाने की अनुमति थी, वहीं अब अमेरिका में भी लोग country, region या continent चुन सकते हैं।
डिफ़ॉल्ट सेटिंग में अब भी देश का नाम ही दिखता है, जब तक कि यूजर खुद इसे बदल न दे।
फेक एंगेजमेंट पर X का सख्त कदम
एलन मस्क के अधिग्रहण के बाद से X पर फेक अकाउंट्स को लेकर कई आरोप लगते रहे हैं। चुनाव, अंतरराष्ट्रीय घटनाओं और वैश्विक विवादों में बॉट्स द्वारा बड़े पैमाने पर गलत जानकारी फैलाए जाने के कई उदाहरण सामने आए। इस समस्या से निपटने के लिए X पहले भी कई बार अपनी नीतियों में बदलाव कर चुका है, लेकिन यह पहली बार है जब प्लेटफॉर्म अकाउंट हिस्ट्री को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित कर रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पहचान छुपाने वाले अकाउंट्स इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
क्योंकि फर्जी ID बनाने वाले यूजर्स अक्सर यूजरनेम तेजी से बदलते हैं, या किसी खास विषय पर अचानक सक्रिय हो जाते हैं। अब इन बदलावों का ट्रैक सभी देख सकेंगे।
यूजर्स की सुरक्षा और पारदर्शिता का नया अध्याय
पिछले महीनों में सोशल मीडिया पर misinformation, propaganda और deepfake आधारित कैंपेन में तेजी आई है। ऐसे समय में X का यह निर्णय डिजिटल स्पेस में पारदर्शिता और जिम्मेदारी को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
जब तक यह फीचर पूरी तरह लागू नहीं हो जाता, विशेषज्ञों का मानना है कि यूजर्स को अपनी प्रोफाइल सेटिंग्स की समीक्षा कर लेनी चाहिए। खासकर लोकेशन और अकाउंट बदलने के इतिहास से जुड़ी जानकारी।
X की यह पहल बड़ी है, और इसके लंबे समय में सकारात्मक प्रभाव देखने की संभावना है, खासकर उन देशों में जहां फेक एंगेजमेंट चुनावी प्रक्रिया और जनमत को प्रभावित करता रहा है। आने वाले महीनों में यह फीचर ऑनलाइन पहचान और विश्वास के नए मानक स्थापित कर सकता है।