जालोर : राजस्थान में सूएज़ मॉडल पर ₹10,000 करोड़ का इनलैंड पोर्ट का होगा निर्माण
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सूएज़ नहर मॉडल पर भावटड़ा से समुद्र तक 365 किमी लंबी नहर बनने से राजस्थान को सीधी समुद्री पहुँच मिलेगी। परियोजना वर्षों की देरी और लागत वृद्धि के बाद अब ₹10,000 करोड़ से अधिक में पूर्ण होने का अनुमान है। पोर्ट निर्माण से सांचोर और आसपास के क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था में जलमार्ग आधारित व्यापार से व्यापक विकास संभव होगा।
जालोर / राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित जालौर के भावटड़ा इलाके में देश का पहला इनलैंड पोर्ट बनाने की प्रक्रिया एक बार फिर तेज हो गई है। यह विशाल परियोजना अरब सागर से सूएज़ नहर की तर्ज पर एक जलमार्ग बनाकर भावटड़ा तक कनेक्टिविटी स्थापित करेगी। उल्लेखनीय है कि यह परियोजना लगभग 9 वर्ष पहले चर्चा में आई थी, जब केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए जलमार्ग आधारित समाधान की आवश्यकता जताई थी।
बाद में पोत, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने परियोजना का डीपीआर तैयार करने का काम WAPCOS को सौंपा। इस एजेंसी ने लगभग 6 वर्ष पहले अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसमें परियोजना लागत ₹6,200 करोड़ आंकी गई थी। हालांकि, लंबे समय तक प्रोजेक्ट के ठंडे बस्ते में पड़े रहने और महंगाई में बढ़ोतरी के कारण अब इसकी लागत बढ़कर ₹10,000 करोड़ से अधिक होने का अनुमान है।
डीपीआर के अनुसार, इस मेगा पोर्ट प्रोजेक्ट के तहत 262 किलोमीटर लंबी और 60 मीटर चौड़ी नहर बनाई जानी है, जो कोरी क्रीक और रण ऑफ कच्छ होते हुए भावटड़ा तक पहुँचेगी। इस नहर का निर्माण होने पर राजस्थान को समुद्री व्यापार का सीधा मार्ग मिलेगा, जिससे इस सीमावर्ती क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व मजबूती मिलेगी।
इस परियोजना को जून 2016 में शुरू हुए ग्राउंड सर्वे के बाद अत्यधिक महत्वपूर्ण माना गया। जल संसाधन विभाग द्वारा राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजने के बाद इसे केंद्र स्तर पर भेजा गया, लेकिन बाद में प्रक्रिया ठहर गई। अब एक बार फिर परियोजना पर गंभीरता से चर्चा हो रही है, जिससे उम्मीद बढ़ी है कि राजस्थान को जल्द ही अपना पहला इनलैंड पोर्ट मिलेगा।