राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने श्री सत्य साई बाबा की शताब्दी समारोह पर विशेष सत्र की बढ़ाई शोभा

Sat 22-Nov-2025,07:55 PM IST +05:30

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने श्री सत्य साई बाबा की शताब्दी समारोह पर विशेष सत्र की बढ़ाई शोभा President of India, Smt Droupadi Murmu
  • राष्ट्रपति मुर्मू ने सत्य साई बाबा की शताब्दी समारोह में आध्यात्मिकता और सेवा की विरासत को रेखांकित किया।

  • शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल में सत्य साई ट्रस्ट के उल्लेखनीय योगदान की प्रशंसा।

  • राष्ट्र निर्माण में आध्यात्मिक संस्थाओं और NGOs की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर।

Andhra Pradesh / Puttaparthi :

पुट्टपर्थी / प्रशांति निलयम, पुट्टपर्थी (आंध्र प्रदेश) में आयोजित श्री सत्य साई बाबा की शताब्दी समारोह के तहत आयोजित विशेष सत्र में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शामिल होकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने सत्य साई बाबा के जीवन, दर्शन और समाज कल्याण कार्यों को याद करते हुए कहा कि बाबा ने आध्यात्मिकता को निष्काम सेवा, मानव कल्याण और व्यक्तिगत परिवर्तन से जोड़ा तथा करोड़ों लोगों को सेवा मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत में प्राचीन समय से संतों और ऋषियों ने अपने आदर्शों व कर्म से समाज को दिशा दी है। इसी परंपरा में श्री सत्य साई बाबा एक विशिष्ट व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने “मानव सेवा ही ईश्वर सेवा” का संदेश देकर समाज में सेवा को आध्यात्मिक कर्तव्य के रूप में स्थापित किया। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल आपूर्ति जैसे क्षेत्रों में असाधारण कार्य कर आदर्शों को वास्तविकता में बदलकर दिखाया।

उन्होंने कहा कि श्री सत्य साई सेंट्रल ट्रस्ट द्वारा छात्रों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली निःशुल्क शिक्षा और बेहतर चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध कराना समाज में एक मिसाल है। बाबा के प्रयासों से हजारों सूखा प्रभावित गांवों तक पीने का पानी पहुँचाना उनके दूरदर्शी विचारों का परिणाम है। राष्ट्रपति ने कहा कि बाबा के संदेश “Love All, Serve All” और “Help Ever, Hurt Never” सार्वभौमिक और कालातीत हैं। सत्य, नैतिकता, शांति, प्रेम और अहिंसा जैसे मानवीय मूल्यों को उन्होंने मानव जीवन का पाठ्यक्रम बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण ‘Nation First’ की भावना से सभी संस्थाओं की जिम्मेदारी है। आध्यात्मिक संस्थाएँ समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और राष्ट्र को विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की ओर अग्रसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। राष्ट्रपति ने सभी धर्मार्थ संस्थाओं, NGOs, निजी क्षेत्र और नागरिकों से भारत सरकार की विकास यात्रा में सक्रिय सहयोग की अपील की।