लखनऊ : राष्ट्रपति मुर्मु ने भारत स्काउट्स एंड गाइड्स हीरक जयंती में युवा नेतृत्व और सेवा भावना पर जोर दिया
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राष्ट्रपति मुर्मु ने स्काउट्स और गाइड्स की सेवा भावना, नेतृत्व क्षमता और राष्ट्रीय एकता में योगदान को भारत के युवा विकास का मजबूत आधार बताया। 63 लाख से अधिक सदस्य और 24 लाख लड़कियों की भागीदारी के साथ भारत स्काउट्स और गाइड्स विश्व के सबसे बड़े संगठनों में शामिल है।
हीरक जयंती समारोह में युवाओं को तकनीकी कौशल, संचार, टीमवर्क और नेतृत्व विकसित कर राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आह्वान किया गया।
लखनऊ/ राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को लखनऊ में आयोजित भारत स्काउट्स और गाइड्स की हीरक जयंती के समापन समारोह में भाग लेकर इसके 19वें राष्ट्रीय जम्बूरी को संबोधित किया। यह आयोजन न केवल संगठन की 75 वर्ष की उपलब्धियों का प्रतीक था, बल्कि देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का भी बड़ा मंच साबित हुआ।
समारोह में उपस्थित हजारों स्काउट्स और गाइड्स को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि भारत स्काउट्स और गाइड्स ने बीते सात दशकों से राष्ट्र-निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि यह संगठन युवाओं को अनुशासन, सेवा, नेतृत्व और जिम्मेदारी जैसी मूलभूत मान्यताएँ सिखाता है, जो किसी भी राष्ट्र के मजबूत भविष्य की नींव होती हैं।
उन्होंने कहा कि स्काउट्स और गाइड्स की सबसे बड़ी ताकत उनकी “सेवा भावना” है। चाहे प्राकृतिक आपदा हो, महामारी हो या किसी समुदाय को संकट का सामना करना पड़ रहा हो स्काउट्स और गाइड्स हमेशा मदद के लिए तैयार रहते हैं। यह गुण उन्हें समाज का अनमोल आधार बनाता है। राष्ट्रपति ने संगठन की इस विशेषता की सराहना की कि यह विभिन्न क्षेत्रों, भाषाओं और संस्कृतियों के युवाओं को जोड़कर राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाता है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने यह भी बताया कि देश में आज 63 लाख से अधिक स्काउट्स और गाइड्स सक्रिय हैं, जो भारत को विश्व के सबसे बड़े स्काउट्स और गाइड्स नेटवर्क में शामिल करता है। विशेष रूप से उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि 24 लाख से अधिक लड़कियाँ संगठन का हिस्सा हैं। उन्होंने सभी लड़कियों की अनुशासन और समाज सेवा के प्रति समर्पण के लिए प्रशंसा की और कहा कि देश के विकास में उनके योगदान को कम नहीं आंका जा सकता।
स्काउट्स और गाइड्स के आदर्श वाक्य “तैयार रहो” का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि युवाओं को हर परिस्थिति का सामना करने के लिए मानसिक, शारीरिक और तकनीकी रूप से तैयार रहना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि भविष्य की चुनौतियाँ केवल ज्ञान से नहीं, बल्कि दृढ़ संकल्प, टीमवर्क, संचार कौशल और नेतृत्व क्षमता से पार की जा सकती हैं।
राष्ट्रपति ने युवा प्रतिभागियों से कहा कि वे देश की सांस्कृतिक और सभ्यतागत विरासत के संरक्षण में अपनी भूमिका को समझें। उन्होंने कहा कि “एक सशक्त व्यक्ति अनेक लोगों को सशक्त बनाता है, जैसे एक दीपक अनेक दीपकों को प्रज्वलित करता है।”
कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि भारत के युवा स्काउट्स और गाइड्स के मूल्यों को आत्मसात कर देश के विकास और एकता की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।