IFFI 2025 Honours Rajinikanth : इफ्फी 2025 में रजनीकांत को सिनेमा के 50 वर्ष पूरे होने पर विशेष सम्मान

Sat 29-Nov-2025,02:06 AM IST +05:30

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IFFI 2025 Honours Rajinikanth : इफ्फी 2025 में रजनीकांत को सिनेमा के 50 वर्ष पूरे होने पर विशेष सम्मान
  • इफ्फी 2025 में रजनीकांत को सिनेमा के 50 वर्ष पूरे होने पर विशेष सम्मान मिला। समारोह में उनके योगदान को वैश्विक मंच पर सराहा गया।

  • सुपरस्टार ने 170 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया, पद्म पुरस्कार और दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड जैसे शीर्ष सम्मान हासिल किए। इफ्फी 2025 ने भारतीय सिनेमा की वैश्विक प्रतिष्ठा, सांस्कृतिक विविधता और रचनात्मक उत्कृष्टता को एक मंच पर प्रदर्शित करते हुए अंतरराष्ट्रीय मान्यता को मजबूत किया।

Goa / Panaji :

गोवा / भारतीय सिनेमा के इतिहास में 56वां भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI 2025) एक यादगार क्षण का साक्षी बना, जब भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़े आइकॉन में से एक, सुपरस्टार रजनीकांत को उनके शानदार 50 साल के सिनेमाई सफर के लिए सम्मानित किया गया। गोवा में आयोजित इस समारोह में उन्हें “थलाइवर – 50 इयर्स इन सिनेमा” के विशेष खिताब के साथ सम्मान प्रदान किया गया।

अपनी अनोखी स्टाइल, असाधारण अभिनय और करिश्माई स्क्रीन प्रेजेंस से दर्शकों के दिलों में स्थायी जगह बनाने वाले रजनीकांत ने 170 से अधिक फिल्मों में काम किया है। तमिल के साथ-साथ हिंदी, तेलुगु और कन्नड़ सिनेमा में भी उन्होंने अपनी गहरी छाप छोड़ी है। पद्म भूषण (2000), पद्म विभूषण (2016) और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार (2020) जैसे सम्मान उनके योगदान की गवाही देते हैं।

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने रजनीकांत को शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री डॉ. एल. मुरुगन, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू और अभिनेता रणवीर सिंह भी मौजूद रहे।

सम्मान ग्रहण करते हुए रजनीकांत भावुक नज़र आए। उन्होंने कहा कि सिनेमा ने उन्हें सिर्फ पहचान ही नहीं, जीवन का उद्देश्य भी दिया है। उन्होंने कहा-
“भले ही मैं 100 बार जन्म लूं, मैं रजनीकांत के रूप में ही पैदा होना चाहूंगा।”

रजनीकांत ने इसे सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा की सामूहिक उपलब्धि बताया-एक ऐसा सिनेमा जिसने भाषा, भूगोल, समाज और सीमाओं को पार करते हुए पीढ़ियों को जोड़ने का काम किया है।

IFFI 2025 का यह समारोह भारतीय फिल्म जगत के उस गौरव को सलाम करता है, जिसने वैश्विक मंच पर भारत की रचनात्मक क्षमता का लोहा मनवाया है। गोल्डन जुबली सिर्फ एक कलाकार के सफर का जश्न नहीं, बल्कि फिल्म माध्यम की उस शक्ति का प्रतीक है जिसने भारतीय पॉपुलर कल्चर के स्वरूप को बदल दिया।

इफ्फी क्या है?

1952 में शुरू हुआ भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा और सबसे पुराना फिल्म फेस्टिवल माना जाता है। एनएफडीसी, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और गोवा की एंटरटेनमेंट सोसाइटी मिलकर इसका आयोजन करते हैं।

ग्लोबल सिनेमाई क्लासिक्स से लेकर आधुनिक प्रयोगात्मक फिल्मों तक, मास्टरक्लास, ट्रिब्यूट और फिल्म बाज़ार जैसे मंच इफ्फी को एक अनोखा अंतरराष्ट्रीय सिनेमाई केंद्र बनाते हैं। 20 से 28 नवंबर 2025 तक आयोजित 56वां IFFI विश्व सिनेमा को भारत की रचनात्मक ऊर्जा के साथ जोड़ने वाले एक शानदार सांस्कृतिक उत्सव के रूप में दर्ज हुआ।