Sujalam Bharat Vision 2025 Summit : जल सुरक्षा, तकनीक और सामुदायिक भागीदारी को मिला नया राष्ट्रीय ढांचा
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सुजलम भारत विजन 2025 सम्मेलन में विशेषज्ञों, राज्यों और समुदायों की सहभागिता से दीर्घकालिक जल सुरक्षा, संरक्षण और पुनर्भरण के लिए राष्ट्रीय रणनीति तैयार की जा रही है। जल शक्ति मंत्रालय ने जल संचय जन भागीदारी पुस्तक, बराक बेसिन रिपोर्ट और गंगा पल्स पोर्टल जारी कर वैज्ञानिक जल प्रबंधन को डिजिटल रूप से मजबूत किया।
नई दिल्ली/ जल शक्ति मंत्रालय का “सुजलम भारत विजन 2025” दो दिवसीय राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन आज भारत मंडपम, नई दिल्ली में शुरू हुआ। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य जल सुरक्षा, संरक्षण, पुनर्भरण, स्वच्छता और सामुदायिक भागीदारी के लिए एक राष्ट्रीय रोडमैप तैयार करना है। उद्घाटन कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल, राज्य मंत्री वी. सोमन्ना और राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी सहित लगभग 250 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक ‘जल कलश’ समारोह से हुई। मंत्री पाटिल ने कहा कि भारत की 18% आबादी के पास केवल 4% मीठा पानी उपलब्ध है, इसलिए जल प्रबंधन को वैज्ञानिक और सामुदायिक दृष्टिकोण से मजबूत करना समय की आवश्यकता है। उन्होंने जल शक्ति अभियान, नमामि गंगे, जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन की उपलब्धियों को रेखांकित किया और बताया कि “सुजलम भारत विजन” का उद्देश्य जमीनी स्तर की अंतर्दृष्टि को राष्ट्रीय नीति में शामिल करना है।
शिखर सम्मेलन के दौरान जल संचय जन भागीदारी 1.0 पुस्तक, बराक नदी बेसिन रिपोर्ट और गंगा पल्स पब्लिक पोर्टल जारी किए गए। इन पहलों का लक्ष्य जल संरक्षण, नदी स्वास्थ्य, पारिस्थितिक स्थिति और डिजिटल भागीदारी को मजबूत करना है।
शिखर सम्मेलन में छह प्रमुख विषयों नदी एवं झरना पुनरुद्धार, पेयजल स्थिरता, तकनीक आधारित जल प्रबंधन, जल संरक्षण एवं पुनर्भरण, ग्रेवॉटर पुन: उपयोग तथा सामुदायिक सहभागिता पर विस्तृत विचार-विमर्श किया जा रहा है। प्रतिभागियों की सुझावों के आधार पर एक कार्यान्वयन रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जो भारत के भविष्य के जल शासन ढांचे का मार्गदर्शन करेगी।