Indrajaal Ranger AI-Powered Patrol Vehicle : देश का पहला मोबाइल एंटी-ड्रोन पैट्रोल वाहन
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Indrajaal Ranger भारत का पहला एआई-आधारित मोबाइल एंटी-ड्रोन वाहन है, जो चलते-चलते hostile drones को 4 किमी तक न्यूट्रलाइज कर सकता है। 10 किमी डिटेक्शन रेंज, साइबर टेकओवर, GNSS स्पूफिंग और RF जैमिंग जैसी क्षमताएँ इसे सीमा सुरक्षा और शहरी रक्षा के लिए आदर्श बनाती हैं।
हैदराबाद-स्थित इंद्रजाल ने भारत का पहला मोबाइल एआई-आधारित एंटी-ड्रोन वाहन लॉन्च किया। रेंजर 10 किमी तक ड्रोन पहचानता और 4 किमी में निष्प्रभावी करता है।
हैदराबाद/ हैदराबाद की डीप-टेक स्टार्टअप इंद्रजाल ड्रोन डिफेंस ने भारत का पहला एआई-सक्षम एंटी-ड्रोन पैट्रोल व्हीकल “Indrajaal Ranger” लॉन्च कर दिया है। यह देश में पहली बार ऐसा मोबाइल प्लेटफॉर्म है, जो चलते वाहन से ही ड्रोन खोज, ट्रैक और न्यूट्रलाइज करने में सक्षम है। तेजी से बढ़ते ड्रोन-आधारित खतरों, सीमा पार तस्करी, हथियारों और नशीले पदार्थों की ड्रोन-डिलीवरी ने भारत में एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी की मांग को तेज किया है, और रेंजर इसी चुनौती का जवाब बनकर सामने आया है।
इसे 4×4 Toyota Hilux प्लेटफॉर्म पर विकसित किया गया है, जो इसे कठिन इलाकों, सीमा चौकियों, जंगल, रेगिस्तान और शहरी संकट क्षेत्रों में त्वरित तैनाती योग्य बनाता है। रेंजर की पहचान शक्ति 10 किमी तक और न्यूट्रलाइजेशन क्षमता 4 किमी तक है। इसमें साइबर टेकओवर यूनिट, GNSS स्पूफिंग, RF जैमिंग और एक स्प्रिंग-लोडेड स्वायत्त किल-स्विच शामिल है, जो किसी भी प्रकार के शत्रुतापूर्ण ड्रोन चाहे वह रेसिंग ड्रोन हो, स्वार्म ड्रोन या ऑफ-द-शेल्फ क्वाडकॉप्टर को तेजी से निष्प्रभावी कर सकता है।
इंद्रजाल रेंजर की सबसे बड़ी विशेषता इसकी “Neutralisation-on-the-Move” क्षमता है। यानी वाहन चलते-चलते ही ड्रोन को पहचान, ट्रैक और निष्क्रिय कर सकता है। यह भारतीय सीमा सुरक्षा बलों, सेना के काफिलों, फॉरवर्ड पोस्ट, संवेदनशील रक्षा ठिकानों और उन क्षेत्रों के लिए अत्यधिक उपयोगी साबित होगा जहाँ फिक्स्ड एंटी-ड्रोन सिस्टम सीमित असर दिखाते हैं।
रेंजर का एआई-सक्षम SkyOS इंजन एकीकृत मल्टी-सेंसर इंटेलिजेंस को C5ISRT फ्रेमवर्क में बदल देता है, जिससे यह वास्तविक समय में पैटर्न पहचान, खतरे की वर्गीकृत प्रोफाइलिंग और ऑटो-रिस्पॉन्स एक्शन कर सकता है। इस सिस्टम ने ARDTC प्रमाणन हासिल किया है और पहले से कई काउंटर-UAS ऑपरेशनों में दक्षता सिद्ध की है।
इंद्रजाल ड्रोन डिफेंस के सीईओ किरण राजू ने कहा कि “हर निष्क्रिय किया गया ड्रोन देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करता है और सीमा पर तैनात जवानों की जान बचाता है।” वहीं लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) देवेंद्र प्रताप पांडे ने इसे भारत की सुरक्षा संरचना में एक “ट्रांसफॉर्मेटिव शील्ड” बताया एक ऐसा कवच, जो नागरिकों, किसानों और भविष्य की पीढ़ियों को विकसित होते हवाई खतरों से बचाएगा।
रेंजर का उद्देश्य केवल ड्रोन रोकना ही नहीं, बल्कि भारत के एयरस्पेस को स्वायत्त सुरक्षा प्रदान करना है “Autonomous Airspace Control on Wheels”. यह लॉन्च भारतीय रक्षा तकनीक में एक नए युग की शुरुआत को दर्शाता है, जहाँ मोबाइल, एआई-संचालित और स्वायत्त सुरक्षा प्रणालियाँ अब फ्यूचर वॉरफेयर का मुख्य आधार बन रही हैं।