पीयूष गोयल: नवाचार, ट्रेसेबिलिटी और प्रीमियम मिश्रणों से भारतीय चाय को वैश्विक बढ़त मिलेगी

Sat 29-Nov-2025,02:16 AM IST +05:30

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पीयूष गोयल: नवाचार, ट्रेसेबिलिटी और प्रीमियम मिश्रणों से भारतीय चाय को वैश्विक बढ़त मिलेगी
  • भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी चाय की नयी किस्में विकसित करनी चाहिए: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल

  • श्री गोयल ने चाय उद्योग में गुणवत्ता, पता लगाने की क्षमता और किसान कल्याण को मजबूत करने के लिए प्रौद्योगिकी अपनाने का आग्रह किया

  • पीयूष गोयल ने ब्लॉकचेन-आधारित ट्रेसेबिलिटी, उच्च गुणवत्ता मानक और छोटे उत्पादकों को तकनीकी सहायता के माध्यम से बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने की आवश्यकता बताई। सरकार 1,000 करोड़ पैकेज, चाय सहयोग ऐप और नवाचार-आधारित खेती से चाय क्षेत्र को 2047 तक विकसित भारत की यात्रा का प्रमुख स्तंभ बनाना चाहती है।

Delhi / New Delhi :

नई दिल्ली/ केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को नई दिल्ली में संकल्प फाउंडेशन द्वारा आयोजित सुरक्षित चाय उत्पादन पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को परंपरागत दार्जिलिंग, असम और नीलगिरि चाय के साथ-साथ ऐसे नए वैश्विक उत्पाद तैयार करने होंगे, जिनकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में विशिष्ट पहचान बने। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता पसंद, नए स्वास्थ्य ट्रेंड और प्रीमियम लाइफस्टाइल मार्केट को ध्यान में रखते हुए नवाचार आधारित मिश्रण भारत के चाय उद्योग को नई दिशा दे सकते हैं।

उन्होंने जोर दिया कि उच्च गुणवत्ता बनाए रखने के लिए कम एमआरएल स्तर, स्थायी खेती, जिम्मेदार श्रम मानक और तकनीकी नवाचार अनिवार्य हैं। गोयल ने वैज्ञानिकों से भारत की विविध कृषि-जलवायु क्षमता का उपयोग कर नई किस्में और उच्च मूल्य वाले उत्पाद विकसित करने को कहा, जिससे निर्यात क्षमता कई गुना बढ़ सके।

मंत्री ने यह भी बताया कि भारत हर वर्ष लगभग 255 मिलियन टन चाय निर्यात करता है और यह उद्योग हमारी व्यापार संस्कृति, रोजगार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में छोटे चाय उत्पादकों को 1,000 करोड़ रुपये के पैकेज, चाय सहयोग ऐप और आधुनिक बागान प्रबंधन जैसी योजनाओं से बड़ा लाभ मिल रहा है।

गोयल ने ब्लॉकचेन आधारित ट्रेसेबिलिटी सिस्टम की आवश्यकता पर विशेष बल देते हुए कहा कि उत्पादन से लेकर पैकेजिंग और निर्यात तक प्रत्येक चरण की पारदर्शिता भारतीय चाय को वैश्विक बाजार में और भरोसेमंद बनाएगी। इससे निम्न गुणवत्ता वाले मिश्रण रोके जा सकेंगे और किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा।

उन्होंने पानी की बचत के लिए ड्रिप सिंचाई, पर्यावरण-अनुकूल पैकेजिंग और मूल्यवर्धित ब्रांडेड चाय के निर्यात को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया। मंत्री ने कहा कि भारतीय चाय के हर प्याले में उसकी उत्पत्ति और विशिष्टता की कहानी होनी चाहिए यही भारत को विश्व बाजार में अलग पहचान दिलाएगा। अंत में उन्होंने भरोसा व्यक्त किया कि 2047 तक विकसित भारत की यात्रा में चाय क्षेत्र एक निर्णायक भूमिका निभाएगा और सरकार उद्योग जगत के साथ मिलकर इस लक्ष्य को पूरा करेगी।