खंडवा में फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र से MBBS एडमिशन, छात्रा का प्रवेश रद्द—FIR दर्ज

Fri 28-Nov-2025,05:35 PM IST +05:30

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खंडवा में फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र से MBBS एडमिशन, छात्रा का प्रवेश रद्द—FIR दर्ज
  • BHU के नाम से फर्जी दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनाकर MBBS में ली सीट

  • जांच में धांधली उजागर, कॉलेज ने तुरंत एडमिशन किया रद्द

  • छात्रा पर फर्जीवाड़े का केस दर्ज, मेडिकल एडमिशन की पारदर्शिता पर सवाल

Madhya Pradesh / Khandwa :

मध्य प्रदेश/ मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में मेडिकल एडमिशन से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एमबीबीएस कोर्स में दाखिला लेने के लिए एक छात्रा ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के नाम से बनाया फर्जी विकलांगता प्रमाणपत्र (Disability Certificate) इस्तेमाल किया। जांच में सच सामने आया तो न सिर्फ उसका प्रवेश निरस्त हुआ, बल्कि पूरे प्रदेश में मेडिकल एडमिशन की पारदर्शिता पर फिर बड़ा सवाल खड़ा हो गया। 

फर्जी सर्टिफिकेट के सहारे मिला एडमिशन

खंडवा स्थित शासकीय नंदकुमार सिंह चौहान मेडिकल कॉलेज में भोपाल की छात्रा रिशु भारती ने एमबीबीएस में प्रवेश लिया था। प्रवेश के दौरान उसने अपने दस्तावेजों के साथ बीएचयू के नाम से जारी दिखाया गया दिव्यांगता प्रमाणपत्र लगाया। शुरुआत में दस्तावेजों को सही मानकर कॉलेज ने छात्रा को एडमिशन दे दिया। 

जांच में सामने आया बड़ा खुलासा

पिछले दो महीनों में प्रदेश के कई मेडिकल कॉलेजों में फर्जी दस्तावेजों से एडमिशन के मामले सामने आए थे। विशेषकर, यूपी से जारी दिखाए गए विकलांगता प्रमाणपत्रों में गड़बड़ी पाए जाने के बाद प्रशासन ने सभी संदिग्ध दस्तावेजों की जांच शुरू की. इसी दौरान रिशु भारती का प्रमाणपत्र भी जांच के लिए भेजा गया। रिपोर्ट में साफ पता चला कि बीएचयू ने ऐसा कोई प्रमाणपत्र जारी ही नहीं किया था। 

रीवा केस के बाद बढ़ी सतर्कता

फर्जी एडमिशन का मामला तब और गंभीर हो गया था जब रीवा में दो छात्रों ने स्वतंत्रता सेनानी कोटे में फर्जी दस्तावेजों के सहारे प्रवेश लिया। जब जांच में यह प्रमाणपत्र नकली निकले तो दोनों छात्रों पर केस दर्ज किया गया। इसके बाद प्रदेश भर के मेडिकल कॉलेजों को सभी संवेदनशील श्रेणी वाले दस्तावेजों की पुनः जांच के निर्देश दिए गए। 

छात्रा का एडमिशन रद्द, केस दर्ज

जांच रिपोर्ट आने के बाद खंडवा मेडिकल कॉलेज ने तुरंत कार्रवाई की. छात्रा रिशु भारती का एडमिशन रद्द कर दिया गया और उसकी सीट अगले योग्य उम्मीदवार को दे दी गई। इसके साथ ही कॉलेज प्रशासन ने पूरे मामले की शिकायत मोघट रोड पुलिस स्टेशन में की, जहां फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एडमिशन लेने के आरोप में आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया गया है।