West Bengal / Kolkata : West Bengal / पश्चिम बंगाल सरकार ने हाल ही में आई बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित छात्रों को बड़ी राहत देने का निर्णय लिया है। राज्य के शिक्षा विभाग ने घोषणा की है कि 11वीं और 12वीं कक्षा के उन छात्रों को, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज प्राकृतिक आपदा में नष्ट हो गए या खो गए हैं, उन्हें जरूरी दस्तावेजों की डुप्लीकेट कॉपी निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।
राज्य के काउंसिल फॉर हायर सेकेंडरी एजुकेशन द्वारा 10 अक्टूबर 2025 को जारी एक नोटिफिकेशन में बताया गया कि प्रभावित छात्रों को रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, एडमिट कार्ड, मार्कशीट और पास सर्टिफिकेट जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज मुफ्त में दिए जाएंगे। विभाग का मानना है कि हाल की बाढ़ और भूस्खलन ने कई जिलों में भारी तबाही मचाई, जिससे अनेक छात्रों के मूल प्रमाण पत्र नष्ट हो गए या वे उन्हें कहीं रखकर भूल गए होंगे। ऐसे में भविष्य में छात्रों को किसी भी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए यह मानवीय कदम उठाया गया है।
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया कि यह योजना केवल मानवीय आधार पर सीमित अवधि के लिए लागू होगी। सामान्य परिस्थितियों में डुप्लीकेट दस्तावेज जारी करने के नियम और शुल्क वैसे ही रहेंगे जैसे पहले थे। प्रभावित छात्रों को अपने संबंधित शैक्षणिक संस्थान के प्रमुख (हेड) के माध्यम से आवेदन जमा करना होगा। आवेदन पत्र पर संस्थान के प्रमुख द्वारा यह पुष्टि आवश्यक होगी कि संबंधित छात्र के दस्तावेज बाढ़ या भूस्खलन के कारण नष्ट हुए हैं। केवल सत्यापन और हस्ताक्षर के बाद ही काउंसिल डुप्लीकेट दस्तावेज जारी करेगी।
इस बीच, राज्य में आई बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। 6 अक्टूबर को हुई भारी बारिश के बाद जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग, तराई और दोआर्स क्षेत्रों में भूस्खलन और बाढ़ के कारण अब तक 40 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं। नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) और स्थानीय जिला प्रशासन लगातार राहत कार्यों में जुटे हैं।
राज्य सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में पहचान पत्र और आवश्यक दस्तावेजों की पुनर्प्राप्ति के लिए मोबाइल शिविरों की भी शुरुआत की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 13 अक्टूबर को उत्तर बंगाल के पहाड़ी और बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगी, ताकि राहत कार्यों की समीक्षा की जा सके और प्रभावित परिवारों को आवश्यक सहायता पहुंचाई जा सके। यह कदम सरकार की संवेदनशीलता और आपदा के समय मानवीय दृष्टिकोण को दर्शाता है।