ईडी ने रिलायंस पावर के सीएफओ अशोक कुमार पाल को किया गिरफ्तार

Sat 11-Oct-2025,02:24 PM IST +05:30

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ईडी ने रिलायंस पावर के सीएफओ अशोक कुमार पाल को किया गिरफ्तार ED Reliance Power CFO arrest
  • ईडी ने रिलायंस पावर के सीएफओ अशोक कुमार पाल को गिरफ्तार किया.

  • ₹68 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी और चालान घोटाले का खुलासा. 

  • अनिल अंबानी समूह पर ₹17,000 करोड़ की जांच जारी.

Delhi / New Delhi :

Delhi / प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस पावर लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) अशोक कुमार पाल को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने यह कार्रवाई फर्जी बैंक गारंटी और फर्जी बिलिंग से जुड़े एक गंभीर आर्थिक अपराध के मामले में की है। जानकारी के अनुसार, दिल्ली स्थित ईडी कार्यालय में पाल से कई घंटे तक पूछताछ की गई, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। बताया जाता है कि अशोक कुमार पाल अनिल अंबानी के करीबी सहयोगियों में से एक हैं और समूह की कई वित्तीय परियोजनाओं की निगरानी करते रहे हैं।

ईडी का आरोप है कि अशोक कुमार पाल ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) के लिए ₹68 करोड़ से अधिक की फर्जी बैंक गारंटी जमा की थी। इस घोटाले में सरकारी धन के दुरुपयोग और निजी लाभ के लिए फंड डायवर्जन की साजिश रची गई। जांच एजेंसी ने बताया कि इस फर्जीवाड़े में प्रमुख बैंकों जैसे एसबीआई, इंडियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नाम और लोगो की नकल की गई, ताकि फर्जी दस्तावेजों को असली दिखाया जा सके। ईडी का कहना है कि इस फर्जी बैंक गारंटी के लिए नकली ईमेल डोमेन बनाए गए और चालानों के माध्यम से धन को गलत तरीके से ट्रांसफर किया गया।

आरोपों के अनुसार, इस पूरी योजना को अंजाम देने में अनिल अंबानी के एक सहयोगी की भी भूमिका थी। इसके तहत बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड (BTPL) नामक कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट देने का निर्णय लिया गया, जबकि इस कंपनी का कोई मजबूत या विश्वसनीय ट्रैक रिकॉर्ड नहीं था। ईडी ने बताया कि यह कंपनी केवल दिखावे के लिए बनाई गई थी ताकि बैंकिंग प्रणाली का दुरुपयोग किया जा सके और सरकारी परियोजना के फंड को निजी हाथों में पहुंचाया जा सके।

ईडी की जांच में सामने आया है कि यह पूरा रैकेट एक संगठित बैंकिंग फ्रॉड नेटवर्क का हिस्सा था, जिसमें सरकारी परियोजनाओं के नाम पर भारी रकम को गुप्त रूप से निजी खातों में स्थानांतरित किया गया। इस मामले में BTPL के निदेशक पार्थ सारथी बिस्वाल पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं।

बताया जा रहा है कि ईडी इस समय अनिल अंबानी समूह की कंपनियों से जुड़े ₹17,000 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी मामलों की जांच कर रही है। यह मामला यस बैंक और एडीए (Anil Dhirubhai Ambani) समूह की कई कंपनियों से जुड़ा है। अगस्त 2025 में, ईडी ने इस संबंध में अनिल अंबानी को पूछताछ के लिए तलब किया था और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मुंबई में करीब 35 ठिकानों पर छापेमारी की थी।

इन छापों के दौरान, एजेंसी को 50 से अधिक कंपनियों और 25 व्यक्तियों के नाम मिले, जिनका इस आर्थिक अपराध से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध बताया जा रहा है। यह मामला न केवल कॉरपोरेट जगत में हड़कंप मचा रहा है, बल्कि देश के बैंकिंग सिस्टम की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। ईडी की आगे की जांच से कई और नाम सामने आने की संभावना है।