झारखंड के सारंडा जंगल में नक्सली हमला: IED ब्लास्ट में CRPF इंस्पेक्टर समेत तीन जवान घायल
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

सारंडा जंगल में नक्सलियों का आईईडी ब्लास्ट, तीन जवान घायल।
नक्सलियों ने एक पुलिया को विस्फोटक से उड़ाया।
सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके में तलाशी अभियान तेज किया।
West Singhbhum / झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के घने सारंडा जंगल से शुक्रवार को एक बड़ी और चिंताजनक खबर सामने आई है। लंबे समय से शांत पड़े इस क्षेत्र में एक बार फिर नक्सलियों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हुए दो बड़ी वारदातों को अंजाम दिया है। नक्सलियों ने पहले आईईडी (IED) ब्लास्ट कर सुरक्षा बलों को निशाना बनाया, जिसमें सीआरपीएफ (CRPF) के एक इंस्पेक्टर सहित तीन जवान घायल हो गए। वहीं, दूसरी ओर नक्सलियों ने विस्फोटक लगाकर एक पुलिया को उड़ा दिया, जिससे इलाके में दहशत फैल गई।
घटना जराईकेला थाना क्षेत्र के सामठा इलाके के बाबूडेरा के पास शुक्रवार शाम को हुई। जानकारी के अनुसार, जिला पुलिस, सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा बल संयुक्त रूप से इस क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान चला रहे थे। सुरक्षा बलों को भनक नहीं थी कि नक्सली पहले से ही घात लगाकर बैठे हैं। जैसे ही जवानों की टुकड़ी बाबूडेरा क्षेत्र में पहुंची, नक्सलियों ने अचानक आईईडी विस्फोट कर दिया। इस धमाके में सीआरपीएफ 60 बटालियन के इंस्पेक्टर केके मिश्रा गंभीर रूप से घायल हो गए। उनके साथ दो अन्य जवान — रामकृष्ण घाघराई और मंटू कुमार — भी घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि घायल जवान रामकृष्ण घाघराई, खरसावां के विधायक कृष्ण गागरे के भाई हैं।
घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। मेडिकल टीम को भी त्वरित रूप से रवाना किया गया और सभी घायलों को हेलिकॉप्टर से रांची के लिए रेफर किया गया। पश्चिमी सिंहभूम के पुलिस अधीक्षक ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि सभी घायल जवानों का समुचित इलाज कराया जा रहा है और उनकी स्थिति स्थिर है।
इसी दौरान, नक्सलियों ने अपनी दुस्साहसिक हरकत जारी रखते हुए एक अन्य स्थान पर लैंडमाइन ब्लास्ट कर एक पुलिया को उड़ा दिया। हालांकि इस पुलिया विस्फोट की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं की गई है, लेकिन स्थानीय सूत्रों ने बताया है कि यह हमला भी उसी नक्सली दल ने किया जिसने सीआरपीएफ पर हमला किया था।
सारंडा क्षेत्र में पिछले कुछ महीनों से शांति का माहौल बना हुआ था, लेकिन इस ताजा नक्सली घटना ने फिर से पूरे इलाके में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। सुरक्षा बलों ने तुरंत पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर दी है और सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इलाके में नक्सलियों की सक्रियता को देखते हुए ऑपरेशन को और तेज किया जाएगा।
यह घटना साफ तौर पर दिखाती है कि सुरक्षा बलों के लगातार अभियानों और बड़ी कार्यवाहियों के बावजूद नक्सली संगठन अब भी अपनी उपस्थिति जताने की कोशिश कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह हमला नक्सलियों द्वारा अपनी शक्ति और अस्तित्व बनाए रखने की रणनीति का हिस्सा है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां अब इस घटना के बाद फिर से अपनी रणनीति की समीक्षा करने की तैयारी में हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।