पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह धमाका एक हुंडई आई-20 कार के भीतर हुआ था। कार में मौजूद लोगों की भी मौत हो गई। विस्फोट इतनी जोरदार था कि आवाज 200 मीटर दूर तक सुनाई दी। लोगों में भगदड़ मच गई और आसपास की कई गाड़ियों में आग फैल गई। बताया जा रहा है कि धमाका लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास बनी पार्किंग में हुआ। सुरक्षा कारणों से तुरंत पूरे क्षेत्र को खाली करा दिया गया। आमतौर पर यह इलाका बेहद भीड़ वाला रहता है, लेकिन विस्फोट के बाद इसे पूरी तरह सील कर दिया गया।
मौके पर दिल्ली स्पेशल सेल की टीम पहुंच गई, क्योंकि यह मामला साधारण हादसे जैसा नहीं लग रहा। स्पेशल सेल दिल्ली में आतंकवाद, संगठित अपराध और साइबर अपराध से जुड़े मामलों की जांच करती है। शहर में पिछले कुछ समय से सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता पहले से बढ़ी हुई थी, लेकिन आज की यह घटना कई नई चुनौतियां खड़ी कर गई है।
दिल्ली में धमाके से कुछ ही घंटे पहले, हरियाणा के फरीदाबाद में एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ था। पुलिस ने 2,900 किलो से ज्यादा संदिग्ध अमोनियम नाइट्रेट, एक असॉल्ट राइफल और हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद किया। यह सामग्री इतनी थी कि सैकड़ों शक्तिशाली IED तैयार किए जा सकते थे, जिनसे दिल्ली को दहलाने की साजिश रची जा रही थी। फरीदाबाद में किराए के कमरे से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट मिला, और उसके बाद तलाशी में 2,500 किलो अतिरिक्त रसायन भी जब्त हुआ। यह बरामदगी किसी भी शहर के लिए बेहद चिंताजनक हो सकती है, खासकर जब दिल्ली जैसे रणनीतिक शहर को निशाना बनाया जा रहा हो।
अब सवाल यह उठता है कि क्या दिल्ली में हुआ विस्फोट और फरीदाबाद में पकड़े गए आतंकी मॉड्यूल के बीच कोई सीधा संबंध है? अधिकारियों ने अभी इस पर कुछ भी साफ-साफ कहने से इनकार किया है, क्योंकि जांच जारी है। हालांकि, एक ही दिन में दो बड़े घटनाक्रम होने से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
फरीदाबाद में पुलिस ने जिन लोगों को पकड़ा है, उनमें ज्यादातर मेडिकल फील्ड से जुड़े पेशेवर हैं—जो इस मामले को और भी रहस्यमय बना देता है। गिरफ्तार किए गए डॉक्टरों और मौलवी पर गंभीर आरोप हैं।
कौन हैं ये चार लोग?
1. डॉ. मुज़म्मिल शकील
अल-फलाह अस्पताल के पास स्थित किराए के घर से यह डॉक्टर गिरफ्तार हुआ। इसी घर से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट मिला। बताया जा रहा है कि धोज इलाके में उसने एक कमरा किराए पर लिया था जहां विस्फोटक सामग्री रखी गई थी। वह श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने के मामले में भी वांछित था।
2. डॉ. शाहीन शाहिद
अल-फलाह अस्पताल में ही कार्यरत यह महिला डॉक्टर तब शक के घेरे में आई जब उसकी कार से एक क्रिंकोव असॉल्ट राइफल बरामद हुई। जानकारी के मुताबिक, उस कार का इस्तेमाल डॉ. मुज़म्मिल कर रहा था।
3. डॉ. अदील अहमद राठेर
सहारनपुर में पहले जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने के आरोप में पकड़ा जा चुका यह डॉक्टर भी इस मॉड्यूल का हिस्सा बताया जा रहा है। उससे पूछताछ के आधार पर ही फरीदाबाद में बड़े पैमाने पर छापेमारी हुई।
4. मौलवी इश्तियाक
फरीदाबाद की एक मस्जिद के इमाम इश्तियाक को भी गिरफ्तार किया गया है। वह डॉ. मुज़म्मिल के नियमित संपर्क में था।
पुलिस को एक और डॉक्टर की तलाश है, जिसके इस नेटवर्क का हिस्सा होने का शक है। बरामद किए गए हथियारों और रसायनों की मात्रा इतनी ज्यादा है कि कल्पना करना भी डरावना है कि अगर यह सामग्री किसी गलत मकसद से इस्तेमाल होती तो कितना बड़ा नुकसान हो सकता था।
दिल्ली धमाके की जांच में फोरेंसिक टीम, स्पेशल सेल और इंटेलिजेंस एजेंसियां जुट गई हैं। अभी यह साफ नहीं है कि धमाका गैस सिलेंडर, कार बम या किसी अन्य विस्फोटक के कारण हुआ। लेकिन नुकसान की स्थिति देखकर शुरुआती अंदाज़ा यही है कि विस्फोट का स्रोत कार ही थी।
राष्ट्रीय राजधानी में कई अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम और राजनीतिक गतिविधियां होती रहती हैं। ऐसे में सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की चूक बड़े परिणाम दे सकती है। फरीदाबाद की बरामदगी और दिल्ली का विस्फोट, दोनों घटनाएं सुरक्षा तंत्र की परीक्षा ले रही हैं।
आने वाले घंटों में जांच और साफ करेगी कि क्या यह दुर्घटना थी, आतंकी हमला था या किसी साजिश का हिस्सा। लेकिन फिलहाल इतना स्पष्ट है कि दिल्ली-एनसीआर में सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट पर हैं, और शहर के लोगों में भी चिंता का माहौल है।