दुबई एयर शो में भारतीय तेजस क्रैश: विंग कमांडर नमांश स्याल शहीद
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Dubai : Tejas fighter jet crash, Wing Commander Namansh Syal death
दुबई एयर शो में तेजस विमान क्रैश.
विंग कमांडर नमांश स्याल शहीद.
हादसे की जांच के आदेश जारी.
Dubai / दुबई एयर शो का वो पल शायद लंबे समय तक लोग भूल नहीं पाएंगे। आसमान में चमकते रफ्तार और तकनीक के अद्भुत प्रदर्शन के बीच एक भारतीय तेजस लड़ाकू विमान अचानक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उस विमान को उड़ा रहे थे भारतीय वायु सेना के जांबाज़ विंग कमांडर नमांश स्याल—एक ऐसा नाम, जो अब सिर्फ एक पायलट नहीं बल्कि देश की शौर्यगाथा का हिस्सा बन चुका है। तेजस की उड़ान, उस पायलट की आत्मविश्वास भरी मौजूदगी और आसमान की ओर बढ़ता हुआ एक स्वप्न—सब कुछ कुछ ही सेकेंड में हादसे में बदल गया।
भारतीय समय के मुताबिक दोपहर 3 बजकर 40 मिनट पर ये घटना हुई। दुबई के अल मकतूम एयरपोर्ट पर दुनिया भर से आए हजारों लोग इस प्रदर्शन को देख रहे थे। शुरुआत शानदार थी—तेजस ने शानदार टेक-ऑफ किया, आकाश में मनचाहा आकार बनाते हुए वो सबको मंत्रमुग्ध कर रहा था, लेकिन अचानक उड़ान का पैटर्न बिगड़ गया। देखते ही देखते तेजस तेजी से नीचे गिरने लगा। इतनी तेज रफ्तार और कम समय में हालात ऐसे बने कि विंग कमांडर नमांश स्याल को इजेक्ट होने का मौका तक नहीं मिला।
जमीन से टकराते ही तेजस में भयंकर धमाका हुआ। आग का बड़ा गुबार उठा और हवा में फैलते काले धुएं ने आसमान को ढक लिया। उस भीड़ में सन्नाटा फैल गया, और इस हादसे की पुष्टि होते ही दिलों में एक भारी दुख उतर आया।
नमांश स्याल हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले से थे। देशभक्ति, अनुशासन और राष्ट्रसेवा जैसे शब्द उनके जीवन में सिर्फ मूल्य नहीं थे, बल्कि वह उनका अस्तित्व थे। एक पायलट होना उनका सपना नहीं बल्कि एक जिम्मेदारी थी, जिसे उन्होंने पूरी निष्ठा और बहादुरी से निभाया।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भावुक शब्दों में शोक व्यक्त करते हुए लिखा कि देश ने एक सच्चा योद्धा, एक कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी और एक साहसी सपूत खो दिया है। उनके संदेश में उस परिवार के दुख की प्रतिध्वनि भी थी, जिसके लिए यह खबर सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि जीवन की सबसे दर्दनाक सच्चाई बनकर आई है।
भारतीय वायु सेना ने भी आधिकारिक बयान जारी कर इस दुखद क्षति पर शोक व्यक्त किया। वायु सेना ने कहा कि दुर्घटना की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी गठित कर दी गई है, ताकि इस हादसे के कारणों का पता लगाया जा सके।
लेकिन जांच, रिपोर्टें और आधिकारिक कार्यवाही उन परिवारों के दर्द को शायद कभी कम नहीं कर पाएंगी, जो अब गर्व और पीड़ा—दोनों के साथ जीवन जीएंगे।
विंग कमांडर नमांश स्याल अब सीधे इतिहास और सम्मान की उस पंक्ति में खड़े हैं, जहां देश के वो वीर खड़े हैं जिन्होंने अपने प्राण राष्ट्र के लिए न्यौछावर किए। उनका तेजस अब आसमान में नहीं उड़ता, लेकिन उनका नाम और उनकी शौर्यकथा—हर भारतीय के दिल में उड़ान भरेगी।
और शायद यही एक वीर की असली अमरता होती है।