दिल्ली-एनसीआर में जहरीली हवा का कहर: डॉक्टरों ने दी शहर छोड़ने की चेतावनी

Thu 27-Nov-2025,12:06 PM IST +05:30

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दिल्ली-एनसीआर में जहरीली हवा का कहर: डॉक्टरों ने दी शहर छोड़ने की चेतावनी
  • दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी सीवियर, डॉक्टरों ने मरीजों को शहर छोड़ने की सलाह

  • बच्चों में निमोनिया, एलर्जी और सांस की बीमारियां तेजी से बढ़ीं

  • विशेषज्ञों के अनुसार प्रदूषण वायरस-बैक्टीरिया जनित निमोनिया को और घातक बना रहा है

Delhi / New Delhi :

Delhi/ दिल्ली-एनसीआर में इस वक्त एयर पॉल्यूशन से बुरा हाल है।  कई जगहों पर एयर क्वालिटी सीवियर कैटेगरी में चल रही है और दूर देखने पर धुआं-धुआं नजर आ रहा है। पिछले कई सप्ताह से हवा बेहद जहरीली है और तमाम लोग एयर प्यूरिफायर के सहारे बीमारियों से बचने की कोशिश कर रहे हैं। एयर पॉल्यूशन की वजह से कई लोगों ने दिल्ली-एनसीआर छोड़ने का भी फैसला कर लिया है। सोशल मीडिया पर एक अमेरिकी महिला का वाकया वायरल हो रहा है, जिसने जहरीली हवा के कारण बैंगलोर शिफ्ट होने का फैसला किया है। कई डॉक्टर्स ने भी सांस के मरीजों को कुछ सप्ताह के लिए दिल्ली-एनसीआर छोड़ने की सलाह दी है। आम लोग ही नहीं, बल्कि डॉक्टर्स खुद भी एयर पॉल्यूशन से परेशान नजर आ रहे हैं.

दिल्ली एम्‍स में पूर्व एचओडी रह चुके पीएसआरआई इंस्टीट्यूट ऑफ पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन के चेयरमैन डॉ. खिलनानी ने कुछ सप्ताह पहले फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे लोगों को कुछ महीने के लिए दिल्ली छोड़ने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि आने वाले महीने काफी परेशानी भरे हो सकते हैं. मरीजों के लिए ही नहीं, बल्कि हेल्दी लोगों के लिए भी जहरीली हवा में सांस लेना खतरे से खाली नहीं है। दिल्ली-एनसीआर का प्रदूषण जिस गंभीर स्तर पर है, उससे यह वायरस या बैक्टीरिया से होने वाले निमोनिया को ज्यादा घातक बना सकता है। इससे मौत का खतरा भी कई गुना बढ़ सकता है.

बच्चों के लिए एयर पॉल्यूशन बेहद खतरनाक

नोएडा के यथार्थ हॉस्पिटल के कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन डॉ. पोटलुरी चेतन ने News18 को बताया कि बच्चों के लिए जहरीली हवा सबसे ज्यादा खतरनाक होती है। इसकी वजह से बच्चों में निमोनिया, अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, स्किन एलर्जी और आंखों में बर्निंग सेंसेशन होने जैसी समस्याएं पैदा हो रही हैं।  एयर पॉल्यूशन बच्चों के हर ऑर्गन को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। टॉक्सिक एयर से बच्चों में बंद नाक, गले और मुंह में ड्राइनेस और खर्राटे की समस्या बढ़ रही है. इसकी वजह से घरघराहट के मामले भी बढ़ रहे हैं अगर बच्चों को लंबे समय तक इसी तरह की खराब एयर क्वालिटी में रहना पडे़, तो उनके फेफड़े कमजोर हो सकते हैं और सांस से जुड़ी कई गंभीर बीमारियां पैदा हो सकती हैं।  पैरेंट्स को बच्चों को हर हाल में एयर पॉल्यूशन से बचाना चाहिए, वरना उनके लिए सीवियर प्रॉब्लम्स पैदा हो सकती हैं। 

नई दिल्ली के मूलचंद हॉस्पिटल के पूर्व पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. भगवान मंत्री ने News18 को बताया कि

अस्थमा, COPD और रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम्स वाले मरीजों को जहरीली हवा से सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। ये परेशानियां एयर पॉल्यूशन की वजह से ट्रिगर हो सकती हैं। ऐसे मरीजों को अक्सर सलाह दी जाती है कि अगर संभव हो, तो कुछ दिनों के लिए दिल्ली-एनसीआर के बजाय साफ जगहों पर जाकर रह सकते हैं। अगर ऐसा पॉसिबल नहीं हो, तो एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें और घर पर ज्यादा से ज्यादा रहें। घर से बाहर निकलते समय N95 मास्क लगाएं। सर्दियों में दिल्ली-एनसीआर में कुछ महीनों के दौरान एयर क्वालिटी बेहद खराब रहती है। ऐसे में हेल्दी लोगों को भी बेहद सावधानी बरतनी चाहिए। 

एयर पॉल्यूशन से डॉक्टर्स भी हो रहे परेशानसिर्फ आम लोग ही नहीं, बल्कि तमाम डॉक्टर्स भी एयर क्वालिटी बिगड़ने से चिंतित नजर आ रहे हैं।  उनका कहना है कि वे भी इसी जहरीली हवा में रह रहे हैं और उनकी सेहत को भी काफी नुकसान हो रहा है. लोगों को यह समझना चाहिए कि एयर पॉल्यूशन एक बेहद गंभीर समस्या है और इसे लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. सर्दियों में खासतौर से एयर पॉल्यूशन से बचने की हरसंभव कोशिश करनी चाहिए, ताकि सांस से जुड़ी परेशानियां न बढ़ेंदिल्ली-एनसीआर में रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम्स के मरीज अन्य शहरों के मुकाबले सबसे ज्यादा हैं, क्योंकि यहां साल के अधिकतर महीनों में हवा खराब रहती है।