बड़वानी एम्बुलेंस लापरवाही मामला: NHM की सख्त कार्रवाई और सर्विस प्रोवाइडर पर भारी पेनल्टी

Wed 26-Nov-2025,06:24 PM IST +05:30

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बड़वानी एम्बुलेंस लापरवाही मामला: NHM की सख्त कार्रवाई और सर्विस प्रोवाइडर पर भारी पेनल्टी एम्बुलेंस खराब, मदद में देरी, नवजात की मौत—NHM ने कंपनी पर कसा शिकंजा
  • एम्बुलेंस खराब होने और देरी के चलते नवजात की मौत, NHM ने कंपनी पर फाइन लगाया

  • सर्विस प्रोवाइडर का जवाब असंतोषजनक, पायलट और EMT को टर्मिनेट किया गया

  • बड़वानी जिला प्रशासन ने मॉनिटरिंग बढ़ाई, सेवाओं में सुधार के निर्देश

Madhya Pradesh / Barwani :

Madhya pradesh/ मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में एम्बुलेंस सेवा में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। इन आरोपों पर नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) ने सर्विस प्रोवाइडर के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। इसके अलावा सर्विस प्रोवाइडर ने एंबुलेंस के स्टाफ को टर्मिनेट कर दिया है। मामले में कार्रवाई के लिए जिला कलेक्टर ने निर्देशित किया था।

नेशनल हेल्थ मिशन के डायरेक्टर ने हाल ही में सामने आए दुखद प्रकरण के बाद कार्रवाई की है। उन्होंने एम्बुलेंस सर्विस प्रोवाइडर JAES Project (I) Pvt Ltd के खिलाफ एक्शन लिया है। डायरेक्टर ने उस एम्बुलेंस के नवंबर माह की पूरी ऑपरेशनल लागत को पेनल्टी के रूप में काटने का आदेश जारी किया है। यह कटौती एजेंसी के आगामी बिल भुगतान में समायोजित की जाएगी।

कब का है मामला

मामला 16 नवंबर का है। जब जिला महिला अस्पताल से 29 दिन की एक गंभीर रूप से बीमार बच्ची को इंदौर रेफर किया गया था। रास्ते में एम्बुलेंस अचानक खराब हो गई। आरोप है कि सर्विस प्रोवाइडर की ओर से समय पर दूसरी एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई। इसके कारण परिजनों ने मजबूरी में एक निजी एम्बुलेंस किराए पर ली। इंदौर पहुंचने के बाद बच्ची की हालत और बिगड़ गई। इलाज में देरी के चलते 17 नवंबर को उसकी मौत हो गई।

सर्विस प्रोवाइडर ने दिया अंसोषजनक जवाब

घटना के बाद सर्विस प्रोवाइडर को क्लैरिफिकेशन लेटर जारी किया गया था। हालांकि कंपनी द्वारा दिया गया जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। मामले की संवेदनशीलता और बच्ची की मृत्यु को देखते हुए मिशन डायरेक्टर ने विशेष एम्बुलेंस के संचालन व्यय को फाइन के रूप में काटने का निर्णय लिया गया।

बड़वानी की सीएमएचओ डॉ सुरेखा जमरे ने बताया कि घटना के बाद जिले में मॉनिटरिंग को मजबूत करते हुए सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ने एक अतिरिक्त कोऑर्डिनेटर तैनात किया है। उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस खराब होने के बाद नई एम्बुलेंस समय पर नहीं मिल सकी और बच्ची को निजी एम्बुलेंस से ले जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि अभी भी सेवाओं में सुधार की बहुत आवश्यकता है।

कंपनी ने स्टाफ को हटाया

उधर, JAES भोपाल प्रोजेक्ट के सीनियर स्टेट मैनेजर तरुण सिंह ने बताया कि एम्बुलेंस स्टाफ पायलट विशाल पटेल और EMT घनश्याम मुजाल्दे को कारण बताओ नोटिस दिया गया। साथ ही सेवा से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया था। उन पर अब कार्रवाई करते हुए उन्हें टर्मिनेट कर दिया गया है।

मिन्नतों के बाद पैदा हुई थी संतान

बड़वानी जिले के तलवाड़ा डेब के हरिओम कर्मा ने बताया कि 5 साल बाद उनके परिवार में एक सीजर ऑपरेशन से एक बच्ची हुई थी। उसे किसी तकलीफ के चलते बड़वानी के जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां से इंदौर के एमटीएच रेफर किया गया। उन्होंने बताया कि एंबुलेंस काफी देर से आई, और जब वे बच्ची को लेकर एंबुलेंस से निकले तो रास्ते में धामनोद के पास खराब हो गई।

एंबुलेंस चालक और स्टाफ ने परिजनों के साथ दुर्व्यवहार भी किया। करीब डेढ़ घंटे तक दूसरी एंबुलेंस नहीं आने पर उसे निजी एंबुलेंस करके इंदौर ले जाया गया, लेकिन वह मर गई। बच्ची की मां नविता कर्मा ने आरोप लगाया कि यदि 2 घंटे के समय की बर्बादी नहीं होती तो आज उनकी बच्ची जीवित होती। घटना के बारे में जानकारी लगने पर बड़वानी कलेक्टर ने नेशनल हेल्थ मिशन के डायरेक्टर को आवश्यक कार्रवाई हेतु पत्र लिखा था।