हिमाचल प्रदेश के मंडी में फिर फटा बादल: तबाही का मंजर, सरकार अलर्ट मोड में

Sun 06-Jul-2025,01:06 PM IST +05:30

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हिमाचल प्रदेश के मंडी में फिर फटा बादल: तबाही का मंजर, सरकार अलर्ट मोड में हिमाचल प्रदेश के मंडी में फिर फटा बादल: तबाही का मंजर
  • मंडी में फिर बादल फटने से भारी तबाही, कई सड़कें और पेयजल योजनाएं ठप।

  • हिमाचल के कई जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी, राहत कार्य तेज।

  • मुख्यमंत्री सुक्खू की निगरानी में सेना और एनडीआरएफ का बचाव अभियान जारी।

Himachal Pradesh / Shimla :

Himachal Pradesh / हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक बार फिर बादल फटने की घटना से तबाही मच गई है। यह घटना चौहारघाटी सिल्हबुधानी के कोरतंग क्षेत्र में रात के समय हुई, जिससे भारी भौतिक नुकसान हुआ है, हालांकि सौभाग्यवश किसी की जान नहीं गई। यह घटना ऐसे समय हुई है जब राज्य पहले ही मानसून जनित आपदाओं से जूझ रहा है। बीते सोमवार को भी मंडी के कई इलाकों में बादल फटने से जानमाल का नुकसान हुआ था, और अब मौसम विभाग ने रविवार के लिए फिर से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

रेड अलर्ट और खतरे की घंटी
मौसम विभाग ने मंडी, कांगड़ा और सिरमौर जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, चंबा, कुल्लू, शिमला और सोलन में ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। 7 और 8 जुलाई को पूरे प्रदेश में ऑरेंज और 9 जुलाई को येलो अलर्ट जारी किया गया है। इससे साफ है कि आने वाले दिनों में और अधिक वर्षा और आपदा की संभावना बनी हुई है।

बाढ़ और भूस्खलन का डर, सेवाएं प्रभावित
राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल प्रदेश में 239 सड़कें बंद हैं, 258 ट्रांसफॉर्मर ठप हैं और 289 पेयजल योजनाएं बाधित हैं। मंडी जिले की स्थिति सबसे खराब है, जहां 176 सड़कें अवरुद्ध हैं, जिनमें से सराज क्षेत्र में ही 85 सड़कें बंद हैं।

मंडी में बढ़ती मृत्युदर और फ्लाइटें रद्द
नादौन और कांगड़ा में दो शव मिलने से मंडी जिले में आपदा से मरने वालों की संख्या 18 हो गई है। बारिश के कारण गगल एयरपोर्ट से दिल्ली और चंडीगढ़ की चार उड़ानें रद्द कर दी गईं, जिससे आवागमन और अधिक बाधित हो गया।

सरकार और प्रशासन की राहत कार्रवाई
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बताया कि राज्य सरकार पूरी तरह से तैयार है और प्रभावितों को हरसंभव मदद दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि जिन लोगों के घर नष्ट हो गए हैं उन्हें ₹5,000 प्रति माह किराये के रूप में दिए जाएंगे। साथ ही सराज क्षेत्र के लोगों से अपील की गई है कि जिनके पास सुरक्षित मकान हैं, वे प्रभावित परिवारों को कमरा किराये पर दें। अब तक 1,317 खाद्य सामग्री किट वितरित की जा चुकी हैं।

राहत और बचाव कार्य जारी
सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। कुल 250 जवान तैनात किए गए हैं और दो हेलिकॉप्टरों से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। सराज, थुनाग और जंजैहली जैसे क्षेत्रों में बिजली, दूरसंचार और राशन सेवाएं बहाल की जा रही हैं। गर्भवती महिलाओं को पालकी में बैठाकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है।

सेब की फसल को भारी नुकसान
स्थानीय निवासी दिनेश ने बताया कि सराज में बादल फटने से सेब के बागों को भारी नुकसान हुआ है। लगभग एक हजार पौधे, जिनमें कुछ 25 साल पुराने थे, पूरी तरह नष्ट हो गए। हालांकि उन्होंने बताया कि परिवार और पशु सुरक्षित हैं, लेकिन आर्थिक नुकसान बहुत गहरा है।

यह संपूर्ण घटना हिमाचल प्रदेश में जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन की गंभीर चुनौती को दर्शाती है। सरकार अलर्ट मोड में है, पर जनसहयोग और सतर्कता ही इस विपदा से उबरने का एकमात्र रास्ता है।