चेन्नई थर्मल पावर स्टेशन हादसा: निर्माणाधीन इमारत ढहने से 9 मजदूरों की मौत
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चेन्नई एनोर थर्मल पावर स्टेशन में इमारत गिरने से 9 मजदूरों की मौत।
हादसे में 10 से अधिक मजदूर घायल, कई की हालत गंभीर।
सभी मृतक असम के रहने वाले, घायलों का आईसीयू में इलाज जारी।
पीएम मोदी ने 2 लाख रुपये मुआवजा और 50 हजार रुपये घायलों के लिए घोषित किया।
Ennore / चेन्नई के एन्नोर स्थित थर्मल पावर स्टेशन पर मंगलवार, 30 सितंबर 2025 को एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया। निर्माणाधीन इमारत के गिर जाने से 9 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 10 से अधिक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा तब हुआ जब पावर प्लांट के विस्तार कार्य के तहत एक निर्माणाधीन आर्च 30 फीट की ऊंचाई से भरभराकर गिर गया और नीचे काम कर रहे मजदूर मलबे में दब गए।
आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए स्टेनली अस्पताल भेजा गया है, जबकि गंभीर रूप से घायल मजदूरों का इलाज आईसीयू में चल रहा है। अधिकारियों ने बताया कि मरने वाले सभी मजदूर असम राज्य के निवासी थे। यह जानकारी सामने आने के बाद असम सरकार और तमिलनाडु सरकार के बीच समन्वय कर मृतकों के परिजनों की मदद की तैयारी शुरू कर दी गई है।
बचाव कार्य और जांच
हादसे के तुरंत बाद आपातकालीन सेवाओं और बचाव दल घटनास्थल पर पहुंच गए। पुलिस कमिश्नरेट ने कहा कि इमारत गिरने के सही कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। फिलहाल बचाव अभियान जारी है और जांच टीमों को इसकी गहन जांच का जिम्मा सौंपा गया है। मौके पर तमिलनाडु विद्युत बोर्ड (TNEB) के सचिव डॉ. जे. राधाकृष्णन ने कहा कि यहां करीब 3700 मजदूर काम कर रहे थे और अलग-अलग सुरक्षा टीमें लगातार निरीक्षण कर रही हैं ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी दोबारा न हो।
पीड़ितों की हालत और अस्पताल प्रशासन की जानकारी
स्टेनली अस्पताल प्रशासन ने बताया कि कई मजदूर गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज आईसीयू में चल रहा है। डॉक्टरों की एक विशेष टीम इनका इलाज कर रही है। प्रशासन ने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की उम्मीद जताई है।
प्लांट का महत्व और विस्तार कार्य
उत्तरी चेन्नई का एन्नोर थर्मल पावर प्लांट एक कोयला आधारित बिजली उत्पादन केंद्र है, जिसे वर्ष 1970 में स्थापित किया गया था। यह प्लांट TANGEDCO (Tamil Nadu Generation and Distribution Corporation) के अधीन कार्यरत है और राज्य की बिजली आपूर्ति में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। मौजूदा समय में इसका विस्तार कार्य जारी है, जिसे सितंबर 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। दुर्भाग्यवश, इसी विस्तार कार्य के दौरान यह दर्दनाक हादसा हुआ।
नेताओं की प्रतिक्रिया और मुआवजा घोषणा
हादसे की खबर मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों और उनके प्रियजनों के साथ हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।” प्रधानमंत्री ने मुआवजे की घोषणा करते हुए मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया।
तमिलनाडु सरकार के अधिकारियों ने भी पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है। वहीं, असम सरकार ने भी मृतकों के परिवारों तक राहत राशि और शवों को उनके गृहनगर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी लेने का ऐलान किया है।
निष्कर्ष
चेन्नई थर्मल पावर स्टेशन हादसा एक गंभीर चेतावनी है कि बड़े औद्योगिक और निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी कितनी खतरनाक साबित हो सकती है। यह घटना न केवल पीड़ित परिवारों के लिए अपूरणीय क्षति है बल्कि प्रशासन और निर्माण कंपनियों के लिए भी एक सबक है कि मजदूरों की सुरक्षा सर्वोपरि है। इस त्रासदी ने जहां मजदूरों की असुरक्षा को उजागर किया है, वहीं सरकार और प्रशासन के सामने यह जिम्मेदारी भी रखी है कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं।