तमिलनाडु करूर में विजय की रैली के दौरान भगदड़, 39 की मौत, PM की बड़ी घोषणा

Sun 28-Sep-2025,02:19 PM IST +05:30

ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

Follow Us

तमिलनाडु करूर में विजय की रैली के दौरान भगदड़, 39 की मौत, PM की बड़ी घोषणा Tamil Nadu Karur stampede
  • विजय की रैली में भगदड़, 39 लोगों की मौत.

  • मुख्यमंत्री स्टालिन ने पीड़ितों से की मुलाकात.

  • पीएम मोदी ने आर्थिक सहायता का ऐलान किया.

  • विपक्ष ने सुरक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल.

Tamil Nadu / Karur :

Karur / तमिलनाडु के करूर जिले में शनिवार को अभिनेता-नेता विजय की राजनीतिक रैली के दौरान भयावह हादसा हुआ। अचानक मची भगदड़ में 39 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। भीड़ के अनियंत्रित हो जाने से अफरा-तफरी मच गई और लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े, जिससे स्थिति और भयावह हो गई।

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन देर रात घटनास्थल करूर पहुंचे। उन्होंने अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात की और मृतकों के परिजनों को सांत्वना दी। स्टालिन ने कहा कि यह त्रासदी तमिलनाडु के राजनीतिक इतिहास में पहली बार घटी है, जहां किसी राजनीतिक कार्यक्रम में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान गई हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। राज्य सरकार ने मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को 1-1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।

पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम (O. Panneerselvam) ने भी इस हादसे पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह तमिलनाडु के लिए एक बड़ी त्रासदी है और पीड़ित परिवारों का दुख शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। पन्नीरसेल्वम ने सरकार से अपील की कि प्रभावित लोगों के लिए तुरंत राहत और मुआवजे की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि उनके परिवारों को इस कठिन समय में सहारा मिल सके।

वहीं, बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनाथी श्रीनिवासन ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह समय दोषारोपण का नहीं है, लेकिन राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सार्वजनिक सभाओं के लिए पर्याप्त सुरक्षा और व्यवस्था सुनिश्चित करे। उन्होंने इसे सरकार का धार्मिक और नैतिक दायित्व बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि डीएमके सरकार कई मौकों पर राजनीतिक दलों, खासकर बीजेपी, को उचित स्थल और सुरक्षा मुहैया कराने में विफल रही है। उनके अनुसार, लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए।

इस त्रासदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गहरा शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी। पीएम मोदी ने कहा कि पूरा देश इस दुख की घड़ी में तमिलनाडु के परिवारों के साथ खड़ा है।

प्रधानमंत्री ने अपने मासिक कार्यक्रम 'मन की बात' में भी इस मुद्दे का अप्रत्यक्ष उल्लेख करते हुए कहा कि त्योहारों के दौरान हमें न केवल खुशियां मनानी चाहिए, बल्कि स्वच्छता और आत्मनिर्भरता पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, "त्योहारों पर हम सब अपने घर की सफाई करते हैं, लेकिन स्वच्छता सिर्फ घर तक सीमित न रहे। गली, मोहल्ला और बाजार तक फैलनी चाहिए।" उन्होंने आने वाली दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए 'वोकल फॉर लोकल' को खरीदारी का मंत्र बनाने की अपील की। पीएम ने कहा कि अगर हम ठान लें कि त्योहारों में केवल स्वदेशी सामान का ही उपयोग करेंगे, तो यह देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा और हमारे त्योहारों की रौनक भी कई गुना बढ़ जाएगी।

तमिलनाडु के करूर की यह घटना एक बार फिर हमें सोचने पर मजबूर करती है कि बड़ी रैलियों और जनसभाओं के दौरान भीड़ प्रबंधन कितना अहम है। सुरक्षा की चूक और उचित व्यवस्था न होने से मासूम लोगों की जान चली जाती है। सरकार और समाज दोनों की जिम्मेदारी है कि भविष्य में ऐसे हादसे न हों और हर कार्यक्रम सुरक्षित तरीके से सम्पन्न हो।