जयपुर विश्वविद्यालय में RSS-NSUI टकराव और पुलिस लाठीचार्ज की घटना
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राजस्थान विश्वविद्यालय में RSS-NSUI टकराव.
पुलिस लाठीचार्ज से कई छात्र घायल.
NSUI ने लोकतांत्रिक आवाज दबाने का आरोप लगाया.
Jaipur / सोमवार को जयपुर स्थित राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर में भारी तनाव देखने को मिला, जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यक्रम के विरोध में उतरे राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई। तेज बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में NSUI कार्यकर्ता विश्वविद्यालय परिसर में जुटे और RSS के कार्यक्रम का विरोध करने लगे। विरोध बढ़ने पर स्थिति हाथ से निकल गई और पुलिस ने अचानक लाठीचार्ज कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पुलिस ने न केवल भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की बल्कि छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस कार्रवाई में कई छात्र घायल हो गए और विश्वविद्यालय का माहौल पूरी तरह से तनावपूर्ण हो गया। घटनास्थल पर मौजूद छात्र नेताओं का आरोप है कि उनका विरोध शांतिपूर्ण था। उनका कहना था कि वे केवल RSS के कार्यक्रम के खिलाफ अपनी आवाज उठाना चाहते थे, लेकिन जैसे ही वे कुलपति आवास का घेराव करने और कार्यक्रम स्थल की ओर बढ़ने लगे, पुलिस ने उन पर लाठियां बरसानी शुरू कर दीं।
इस दौरान NSUI के कई कार्यकर्ताओं की निजी गाड़ियों और संगठनात्मक वाहनों में तोड़फोड़ की गई। छात्र नेता नीरज खींचड़ ने पुलिस कार्रवाई को “अत्यंत बर्बर” बताया और कहा कि पुलिस ने न केवल छात्रों पर बल प्रयोग किया बल्कि उनकी गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की। उनका आरोप है कि पुलिस के साथ-साथ RSS के स्वयंसेवक भी इस झड़प में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों ने भी छात्रों पर डंडों से हमला किया, जिससे स्थिति और अधिक बिगड़ गई।
तेज बारिश और अफरा-तफरी के बीच छात्रों को संभालना मुश्किल हो गया। विश्वविद्यालय परिसर में भय और तनाव का माहौल फैल गया। कई छात्र इधर-उधर भागते नजर आए, वहीं घायल छात्रों को तुरंत उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। NSUI कार्यकर्ताओं ने प्रशासन पर लोकतांत्रिक विरोध को कुचलने का आरोप लगाया और कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन RSS को मंच प्रदान कर रहा है जबकि विरोध करने वाले छात्रों की आवाज दबाई जा रही है।
दूसरी ओर, प्रशासन और पुलिस ने अपने कदम का बचाव करते हुए कहा कि यह कार्रवाई सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक थी। उनका कहना था कि NSUI कार्यकर्ताओं ने अचानक घेराव करने और कार्यक्रम स्थल की ओर बढ़ने का प्रयास किया, जिससे स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती थी। इसलिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।
इस घटना ने विश्वविद्यालय परिसर में छात्र राजनीति की टकराहट की गंभीरता को उजागर कर दिया है। एक ओर NSUI इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बता रही है, वहीं RSS और प्रशासन का कहना है कि यह कार्यक्रम वैधानिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का हिस्सा था। अब यह टकराव राजस्थान विश्वविद्यालय की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है और आने वाले दिनों में इसके गंभीर राजनीतिक परिणाम भी सामने आ सकते हैं।