बीजापुर: नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता, 103 नक्सली सरेंडर होकर लौटे मुख्यधारा में
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बीजापुर जिले में 103 नक्सली मुख्यधारा में लौटे.
49 नक्सलियों पर भारी इनामी राशि थी.
प्रशासन ने 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी.
सुरक्षा बलों और विकास कार्यों से नक्सली कमजोर.
Bijapur / छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सल मोर्चे पर पुलिस और सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई का असर दिखाई दिया है। जिले में हाल ही में 103 नक्सलियों ने सरेंडर कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है। सरेंडर करने वालों में 80 पुरुष और 23 महिलाएं शामिल हैं। इनमें 49 नक्सलियों पर भारी इनामी राशि कुल 1 करोड़ 06 लाख 30 हजार रुपये रखी गई थी। इस बड़े सरेंडर से यह स्पष्ट होता है कि नक्सली लगातार कमजोर पड़ रहे हैं और उनकी संगठनात्मक क्षमता घट रही है।
सरेंडर करने वाले नक्सलियों में दंडकारण्य विशेष जनताना सरकार के अध्यक्ष, पीपुल्स कांग्रेस के सदस्य, ACM, DVCM, जनताना सरकार सदस्य, मिलिशिया प्लाटून सदस्य और जनमिलिशिया के साथ-साथ CNM, KAMS, DAKMS जैसे फ्रंटल संगठनों से जुड़े लोग भी शामिल हैं। यह कदम यह दर्शाता है कि नक्सली अब मुख्यधारा का रास्ता चुन रहे हैं और उनके हौसले में कमी आई है।
बीजापुर पुलिस ने बताया कि सरेंडर करने वाले नक्सलियों को शासन की नीति के तहत 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। पुलिस और सुरक्षा बलों की लगातार अभियानात्मक कार्रवाई, इलाके में विकास और प्रशासन की सक्रियता ने नक्सलियों पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। इससे यह संदेश गया कि हिंसा का रास्ता अब उनके लिए सुरक्षित नहीं है और मुख्यधारा में लौटने से उन्हें बेहतर अवसर और सुरक्षा मिलेगी।
बीजापुर पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी 2024 से अब तक जिले में नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए अभियानों में 924 नक्सली गिरफ्तार किए गए, 599 ने स्वयं सरेंडर किया और 195 नक्सली मुठभेड़ों में मारे गए। यह आंकड़ा स्पष्ट रूप से दिखाता है कि नक्सल संगठन लगातार कमजोर हो रहे हैं और उनकी संख्या तथा सामरिक क्षमता घट रही है।
सरेंडर की इस बड़ी घटना के दौरान बीजापुर के पुलिस कप्तान, आईआरबी 4 वीं बटालियन के कमांडेंट, सीआरपीएफ 85वीं बटालियन के कमांडेंट और कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने नक्सलियों का स्वागत किया और उन्हें आश्वस्त किया कि प्रशासन उन्हें सुरक्षा, पुनर्वास और विकास के अवसर प्रदान करेगा। इस मौके पर अधिकारियों ने यह भी कहा कि जिले में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए सभी संसाधनों का प्रयोग किया जाएगा और मुख्यधारा में लौटने वाले नक्सलियों को पुनर्वास योजना के तहत सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
यह कदम न केवल बीजापुर जिले में बल्कि पूरे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में एक सशक्त संदेश देता है कि सुरक्षा बलों की सख्ती, प्रशासन की सक्रियता और विकास कार्यों के माध्यम से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी शांति संभव है। सरेंडर करने वाले नक्सलियों की संख्या में वृद्धि यह बताती है कि हिंसा और उग्रवाद का रास्ता अब कमजोर हो चुका है और युवा नक्सलियों के लिए मुख्यधारा में लौटना एक सुरक्षित और सम्मानजनक विकल्प बन गया है।