AI पर आंख मूंदकर भरोसा खतरनाक, AI बुलबुले से कोई सुरक्षित नहीं: पिचाई
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पिचाई ने कहा कि एआइ मॉडल अभी त्रुटियों से भरे हैं, इसलिए उपयोगकर्ताओं को परिणामों की कई स्रोतों से तुलना करनी चाहिए। उन्होंने चेताया कि एआइ निवेश का बढ़ता बुलबुला फटने पर कोई भी कंपनी, यहां तक कि गूगल भी, पूरी तरह सुरक्षित नहीं रहेगी।
नई दिल्ली/ गूगल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई ने कृत्रिम मेधा (एआइ) के बढ़ते उपयोग और उस पर आंख मूंदकर भरोसा करने को लेकर लोगों को आगाह किया है। बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार में पिचाई ने कहा कि वर्तमान एआइ मॉडल पूरी तरह सटीक नहीं हैं और इनमें त्रुटियों की संभावना बनी रहती है। इसलिए उपयोगकर्ताओं को एआइ से प्राप्त सूचनाओं को सत्य मान लेने के बजाय अन्य स्रोतों से जांचकर देखना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि एआइ रचनात्मक कार्यों में उपयोगी साबित हो सकता है, लेकिन इसके लिए सही तरीके से इन तकनीकों का उपयोग सीखना जरूरी है। पिचाई के मुताबिक, “हम सटीक जानकारी देने की पूरी कोशिश करते हैं, लेकिन आज की एआइ तकनीक में कुछ कमियां स्वाभाविक हैं।”
एआइ निवेश में तेज उछाल पर बोलते हुए पिचाई ने चेतावनी दी कि यह वृद्धि एक संभावित बुलबुले की तरफ इशारा कर रही है और इसके फटने पर कोई भी कंपनी पूरी तरह अछूती नहीं रहेगी, यहां तक कि गूगल भी नहीं। उन्होंने कहा कि जैसे इंटरनेट के शुरुआती दौर में निवेश तेज़ी से बढ़ा और बाद में कई कंपनियों को नुकसान हुआ, वैसे ही एआइ क्षेत्र में भी कुछ अतार्किक निवेश देखने को मिल रहे हैं।
पिचाई ने विश्वास जताया कि गूगल अपनी अनूठी तकनीक, चिप्स, यूट्यूब डेटा और वैज्ञानिक मॉडल के कारण बाजार की उथल-पुथल से निपटने में बेहतर स्थिति में रहेगा। हालांकि उन्होंने दोहराया कि एआइ के विकास के इस दौर में सतर्क रहना सभी के लिए जरूरी है।