विवेक ओबेरॉय का संघर्ष, हादसा और मस्ती की शरारतें – एक अनसुनी कहानी
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फिल्मी दुनिया में विवेक ओबेरॉय की कठिन यात्रा, जानलेवा दुर्घटना और मस्ती 4 के प्रमोशन के दौरान किए गए खुलासे।
विवेक ओबेरॉय ने वर्षों तक पहचान छुपाकर कड़ी मेहनत की।
फिल्म रोड की शूटिंग के दौरान जानलेवा हादसे से बचने की कहानी।
मस्ती 4 प्रमोशन में पहली मस्ती की मजेदार शरारत का खुलासा।
Mumbai/ विवेक ओबेरॉय, जाने-माने अभिनेता सुरेश ओबेरॉय के पुत्र, ने भले ही 2002 की क्राइम फिल्म कंपनी से अभिनय की शुरुआत की हो, लेकिन फिल्मों में नाम बनाने की उनकी असली संघर्ष यात्रा उससे कई साल पहले शुरू हो चुकी थी। हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में विवेक ने बताया कि उन्होंने एक समय पर कोरियोग्राफर और निर्देशक फराह खान की असिस्टेंट के रूप में भी काम किया था और यहाँ तक कि उन्होंने रिहर्सल रूम साफ करने तक का काम किया, क्योंकि वे कभी यह नहीं बताते थे कि वे फिल्मी परिवार से आते हैं।
मशेबल इंडिया से बातचीत में विवेक ने बताया,
“ट्रेनिंग के लिए मैं काफी समय तक फराह को असिस्ट करता था। शुरुआत मैंने रिहर्सल रूम साफ करने, डांसर्स के लिए चाय लाने जैसे कामों से की थी। मैंने कभी किसी को नहीं बताया कि मेरे पिता सुरेश ओबेरॉय हैं। मैं यह बात हमेशा छुपाकर रखता था।”
विवेक ने एक जानलेवा हादसे का भी ज़िक्र किया, जिसमें वे बाल-बाल बचे थे। उन्होंने कहा,
“फिल्म रोड की शूटिंग के दौरान मैं रात में बीकानेर से जैसलमेर ड्राइव कर रहा था। मैंने ड्राइवर को 10–15 बार धीमे चलने को कहा था, क्योंकि रात थी और विज़िबिलिटी बहुत कम थी। मैं आगे की सीट पर बैठा था और उस घटना के बाद से मैं कभी फ्रंट सीट पर नहीं बैठता। मैंने सीट थोड़ी पीछे कर ली थी और अचानक जोरदार धमाका हुआ। बहुत भयानक आवाज हुई।”
उन्होंने आगे बताया,
“अचानक से सड़क के बीच में एक ऊँटगाड़ी आ गई थी, जिस पर लोहे की लम्बी छड़ें रखी थीं। वे छड़ें कार की विंडशील्ड तोड़कर अंदर घुस गईं। अगर मैंने सीट पीछे न की होती तो वे लोहे की छड़ें सीधे मेरे शरीर को भेद देतीं। मैं कार से बाहर भी नहीं निकल पा रहा था क्योंकि छड़ें मेरे सिर के ऊपर अटक गई थीं, लेकिन मुझे एक खरोंच तक नहीं आई। मैं लगभग मर ही गया था। उसी दिन मैंने कसम खाई कि मैं कभी रात में सफर नहीं करूंगा।”
विवेक इन दिनों मस्ती 4 के प्रमोशन में व्यस्त हैं, जिसमें उनके साथ आफताब शिवदासानी और रितेश देशमुख नजर आएँगे। बातचीत के दौरान उन्होंने मस्ती (2004) के सेट से जुड़ी एक शरारत भी याद की। विवेक बोले,
“मस्ती की शूटिंग के दौरान आफताब ने नई मर्सिडीज़ खरीदी थी और हमने उसका मज़ाक बनाया। हमने उसकी कार की चाबी चुरा ली और गाड़ी को वहाँ से दो गलियाँ पीछे पार्क कर दिया। फिर हमने चुपचाप चाबी वापस आफताब के पास रख दी। जब वो बाहर आया और कार नहीं मिली, उसकी एक्सप्रेशन देखने लायक था… उसका ब्लड प्रेशर ही गिर गया था। उसने हमें कहा था कि उसकी कार के साथ फिर कभी मज़ाक न करें।”