Steel King Lakshmi Mittal: ब्रिटेन के भारी टैक्स से अमीरों का पलायन तेज, मित्तल भी छोड़ सकते देश

Tue 25-Nov-2025,11:43 AM IST +05:30

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Steel King Lakshmi Mittal: ब्रिटेन के भारी टैक्स से अमीरों का पलायन तेज, मित्तल भी छोड़ सकते देश
  • ब्रिटेन के भारी टैक्स प्रस्तावों के बाद कई सुपर-रिच उद्योगपति दुबई और स्विट्जरलैंड जैसे टैक्स-फ्रेंडली देशों की ओर रुख कर रहे हैं। भारतीय मूल के स्टील उद्योगपति लक्ष्मीनिवास मित्तल भी नए टैक्स बोझ से बचने के लिए दुबई में समय बढ़ा सकते हैं।

Delhi / New Delhi :

ब्रिटेन/ ब्रिटेन में प्रस्तावित नए बजट ने देश के सुपर-रिच वर्ग में खलबली मचा दी है। सरकार द्वारा आने वाले वित्तीय वर्ष में उच्च आय वर्ग पर भारी टैक्स बढ़ोतरी की तैयारी की जा रही है, जिसका सीधा असर देश के प्रमुख उद्योगपतियों और व्यवसायियों पर पड़ने वाला है। टैक्स विशेषज्ञों के अनुसार, यह प्रस्तावित टैक्स स्लैब ब्रिटिश इतिहास में सबसे कड़े माने जा सकते हैं और इसी वजह से अब कई उद्योगपति ब्रिटेन छोड़ने का मन बना रहे हैं।

विशेष रूप से, भारतीय मूल के मशहूर स्टील उद्योगपति लक्ष्मीनिवास मित्तल भी इस सूची में शामिल हो सकते हैं। पहले से ही टैक्स बोझ से बचने के लिए वह लंबे समय से स्विट्जरलैंड में रह रहे हैं, लेकिन अब यह संकेत मिल रहे हैं कि वह अपने परिवार और व्यावसायिक गतिविधियों के साथ दुबई में अधिक समय बिताने की योजना बना रहे हैं। दुबई शून्य आयकर नीति, बिजनेस-फ्रेंडली सिस्टम और उच्च जीवन स्तर के कारण वैश्विक अमीरों की पहली पसंद बनता जा रहा है।

ब्रिटिश मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में रियल एस्टेट, फाइनेंस, टेक और स्टील सेक्टर के दर्जनों सुपर-रिच लोग ब्रिटेन से बाहर जाने का मन बना रहे हैं। टैक्स विशेषज्ञों का कहना है कि नया प्रस्तावित बजट पूंजीगत लाभ कर (Capital Gains Tax), इनकम टैक्स और इनहेरिटेंस टैक्स पर भारी वृद्धि का संकेत देता है। इससे हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) और अल्ट्रा HNIs के टैक्स आउटगो में कई गुना बढ़ोतरी हो सकती है।

दुबई, मोनाको, सिंगापुर और स्विट्जरलैंड जैसे देश टैक्स-फ्रेंडली हब माने जाते हैं। ऐसे में, ब्रिटेन में टैक्स का बोझ बढ़ने के बाद सुपर-रिच वर्ग का माइग्रेशन और तेज होने की संभावना है। आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ब्रिटेन ने टैक्स संरचना में संतुलन नहीं बनाया, तो देश को हाई वैल्यू इंडस्ट्रीज के निवेश में गिरावट का सामना करना पड़ सकता है, जो उसकी अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा झटका होगा।