जस्ट ट्रांजिशन मैकेनिज़्म की स्थापना का भारत ने किया स्वागत

Sun 23-Nov-2025,12:39 PM IST +05:30

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जस्ट ट्रांजिशन मैकेनिज़्म की स्थापना का भारत ने किया स्वागत The Indian Delegation, Led By Environment Minister Bhupender Yadav.
  • कॉप-30 में भारत ने जलवायु वित्त और समानता पर विकसित देशों की जिम्मेदारी याद दिलाई। 

  • एकतरफा व्यापार-प्रतिबंधक जलवायु उपायों को विकासशील देशों के खिलाफ बताया। 

  • यूएनएफसीसीसी कॉप-30 में भारत का जलवायु न्याय पर जोर, विकसित देशों से वित्तीय प्रतिबद्धताएँ पूरी करने की अपील। 

Pará / Belém :

बेलें / ब्राज़ील के बेलें शहर में आयोजित यूएनएफसीसीसी कॉप-30 के समापन सत्र में भारत ने सम्मेलन के कई महत्वपूर्ण निर्णयों का स्वागत किया और समावेशी नेतृत्व के लिए कॉप-30 अध्यक्षता की सराहना की। भारत ने अपने उच्च-स्तरीय वक्तव्य में कहा कि ब्राज़ील की “मुतिराओ” भावना सहयोग और साझेदारी ने इस सम्मेलन को संतुलन, स्थिरता और व्यापक भागीदारी के साथ सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया। भारत ने ग्लोबल गोल ऑन एडॉप्टेशन (GGA) पर हुई प्रगति का स्वागत करते हुए कहा कि यह निर्णय विकासशील देशों में अनुकूलन की भारी आवश्यकता को पहचानता है और इसमें समानता का मजबूत तत्व शामिल है। भारत ने जोर दिया कि जलवायु परिवर्तन से सर्वाधिक प्रभावित राष्ट्र वे हैं जिनका इस संकट को पैदा करने में सबसे कम योगदान है।

भारत के वक्तव्य का प्रमुख बिंदु विकसित देशों द्वारा जलवायु वित्त (Climate Finance) उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी पर रहा। भारत ने स्पष्ट कहा कि 33 वर्ष पहले रियो सम्मेलन में किए गए वादे अब भी अधूरे हैं, इसलिए बेलें में उठाए गए कदमों से उम्मीद जागती है कि विकसित राष्ट्र अपनी प्रतिबद्धताएँ पूरी करेंगे। भारत ने जस्ट ट्रांजिशन मैकेनिज़्म की स्थापना को कॉप-30 की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया। यह तंत्र वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर जलवायु न्याय और समानता को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत ने एकतरफा, व्यापार-प्रतिबंधक जलवायु उपायों के खिलाफ भी आवाज उठाई, जिन्हें विकासशील देशों के हितों के विरुद्ध बताते हुए कहा कि अब इन मुद्दों को अनदेखा नहीं किया जा सकता। भारत ने दोहराया कि जलवायु परिवर्तन से निपटने का बोझ उन पर नहीं डाला जाना चाहिए जिनका इस संकट में योगदान सबसे कम है। उसने वैश्विक सहयोग, विज्ञान-आधारित नीतियों, न्यायपूर्ण जलवायु महत्वाकांक्षा और राष्ट्रीय संप्रभुता के सम्मान की आवश्यकता पर जोर दिया।

समापन में भारत ने ब्राज़ील और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बेलें से आगे की यात्रा न्याय, एकजुटता और साझा समृद्धि की राह पर होनी चाहिए।